गढ संस्कृति की महान परंपराओं को आगे बढ़ाने में वरदान बना सोशल मीडिया- कुसुम जोशी

गढ संस्कृति की महान परंपराओं को आगे बढ़ाने में वरदान बना सोशल मीडिया- कुसुम जोशी

ऋषिकेश- पहाड़ की संस्कृति के प्रचार प्रसार में सोशल मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इन दिनों उत्तराखंड की संस्कृति की प्रतीक माने जाने वाली “टोपी” और “नथ ” सोशल मीडिया में छाई हुई है।इसको चेलेंज के रूप में लेकर खूब फोटोग्राफ भी सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं।





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उत्तराखंड की संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए पिछले एक दशक से जमीनी धरातल पर काम कर रही मैत्री संस्था की अध्यक्ष कुसुम जोशी की माने तो भारत में सोशल मीडिया के प्रति बढ़ता क्रेज अब पारंपरिक सामाजिक और पारिवारिक रिश्तों को बदल रहा है। सांस्कृतिक विरासत के प्रचार प्रसार में भी सोशल मीडिया की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता ।फेसबुक, व्हाट्स ऐप, ट्विटर और इंस्टाग्राम समेत ऐसी साइटों का इस्तेमाल करने वाले लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है। उत्तराखंड राज्य की महान संस्कृति को आगे बढ़ाने में सोशल मीडिया वरदान साबित हुआ है।मैत्री संस्था की अध्यक्ष समाजसेविका कुसुम जोशी की मानें तो सोशल मीडिया में पहाड़ी टोपी और नथ चैलेंज को लेकर भले ही अलग अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हो लेकिन सच्चाई यह भी है कि पहाड़ी समाज ने अप्रत्यक्ष रूप से अपनी संस्कृति अपने परिधान अपने गहनों को स्वीकार करने में गर्व दिखाया है। मोजूदा भाग दौड़ भरी जिंदगी में जहां रिश्तों की गर्माहट भी कम होती जा रही हो ऐसे में अपनी पुरातन संस्कृति को अपनाने का जज्बा दिखाने वालों का स्वागत किया जाना चाहिए।

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