छात्र-छात्राओं का सुरक्षित भविष्य हमारी प्राथमिकता- डॉ.विजय धस्माना

छात्र-छात्राओं का सुरक्षित भविष्य हमारी प्राथमिकता- डॉ.विजय धस्माना
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) ने कॉलेज खोलने को लेकर एसओपी की जारी
एसओपी में छात्र-छात्राओं, फैकल्टी व स्टाफ कर्मियों के लिए जरुरी दिशा-निर्देश
ऋषिकेश- स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) ने कोरोना संकट काल में शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन के लिए एसओपी जारी की है। इसमें छात्र-छात्राओं, फैकल्टी व स्टाफ कर्मियों के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
एसआरएचयू के कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि कोरोना संकट के बीच हमें आगे बढ़ना होगा। दैनिक दिनचर्या के बीच हमें अपने आपको कोरोना संक्रमण से बचाना भी होगा। साथ ही विशेष ध्यान यह भी रखना होगा कि अगर हमें कोरोना संक्रमण हो जाता है तो यह संक्रमण दूसरे तक न फैलने दें।
banner for public:Mayor
एसआरएचयू की प्राथमिकता छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ उनका स्वास्थ्य भी है। लेकिन उसके साथ उनके सुरक्षित भविष्य का भी हमने ध्यान रखा है ताकि उनका समय खराब न हो। समय पर सुचारु रुप से उनकी कक्षाओं का संचालन हो। ताकि समय पर परीक्षा कराने का बाद परीक्षा परिणाम जारी किया जा सके।उनके
विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रम को दो वर्गों में बांटा गया है। एक वो जिसमें प्रैक्टिकल नहीं है। ऐसे पाठ्यक्रमों की कक्षाएं ऑन लाइन मोड में चलती रहेंगी। दूसरा जिन पाठ्यक्रम में प्रैक्टिकल आवश्यक है उनमें थ्योरी क्लासेज ऑनलाइन मोड में चलती रहेंगी व सिर्फ प्रैक्टिकल क्लासेज के लिए छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय में आना होगा।उन्होंने बताया कि नर्सिंग व मेडिकल पाठ्यक्रम की थ्योरी की कक्षाएं भी अन्य पाठ्यक्रम की तरह ऑन लाइन कराई जा रही है। लेकिन, इसमें पढ़ाई अधिकांश हिस्सा प्रैक्टिकल आधारित होता है। इसके लिए हमने दो ग्रुप बनाए हैं। एक ग्रुप में उन छात्र-छात्राओं को शामिल किया गया जो ऋषिकेश, हरिद्वार व देहरादून में रहते हैं। उन्हें विश्वविद्यालय की बसों से लाया जाएगा। दूसरे ग्रुप में वो छात्र छात्राएं जो हॉस्टल में रहेंगे। हॉस्टल में भी उनकी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं। प्रैक्टिकल कक्षाओं के लिए भी छोटे-छोटे ग्रुप बनाए गए हैं ताकि लैबोरेट्रीज सीमित संख्या में छात्र-छात्राएं आएं। जिससे सोशल डिस्टेंसिंग कायम रहे और संक्रमण फैलने के खतरे को कम किया जा सके। यही नहीं बसों, प्रयोगशालाओं व उपकरणों को समय-समय पर सैनेटाइज किया जाएगा।डा धस्माना के अनुसार यदि किसी भी छात्र-छात्रा या कर्मचारी को कोरोना से संक्रमण से होता है तो हमारे डॉक्टरों की टीम 24 घंटे उनकी देखभाल के लिए तैनात है। उनको अस्पताल में तुरंत स्वास्थ्य लाभ दिया जाएगा। हॉस्टल में छात्र-छात्राओं को कमरों में ही रहना होगा और भोजन की भी व्यवस्था भी उन्हें उनके कमरों में ही उपलब्ध कराई जाएगी।