औषधि निर्माणशाला के स्थानांतरण का विरोध शुरू!

औषधि निर्माणशाला के स्थानांतरण का विरोध शुरू!
ऋषिकेश- गीता भवन स्थित औषधि निर्माणशाला के स्थानांतरण गीता भवन स्वर्ग आश्रम से सिडकुल हरिद्वार मैं किए जाने के विरोध स्वरूप एक प्रतिनिधिमंडल गीता भवन प्रबंधन से मिला।
गीता भवन ट्रस्ट कर्मचारी यूनियन के संरक्षक आशुतोष शर्मा ने प्रबंधन से वार्ता कर कहा कि कोविड-19 वैश्विक आपदा के दौर में केंद्र व राज्य की लोकप्रिय सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत लोगों को खाद्यान्न सहायता से लेकर प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से उनके बैंक खाते में कुछ आर्थिक सहायता प्रदान की जिससे कि उनकी मूलभूत आवश्यकताएं पूरी हो सके। सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र से लेकर सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों (एमएसएमई ) के लिए आर्थिक पैकेज प्रदान कर रही है ।ऐसे में यमकेश्वर जैसे दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र गीता भवन मे पहले से सुस्थापित औषधि निर्माणशाला को सिडकुल हरिद्वार में स्थानांतरित करना अपने आप में अन्याय पूर्ण एवं मनमाना है ।70 के दशक में स्थापित यह संस्थान जिसमें हमारे आज के समय में कई वरिष्ठ कर्मचारी जो उस समय युवा थे उन्होंने अपने जीवन का बहुमूल्य समय इस संस्थान की सेवा में दिया है और व्यक्तिगत रूप से उनकी आस्था इस संस्थान से जुड़ी है। इन कर्मचारियों के परिवारों का भरण पोषण व बच्चों की शिक्षा दीक्षा सभी यही चल रही है और बेहद कम पारिश्रमिक में यह अपना जीवन निर्वाह कर रहे हैं ।ऐसे में प्रबंधन को इन कर्मचारियों के हितों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए।
नगर पंचायत स्वर्गाश्रम जोक के अध्यक्ष माधव अग्रवाल ने कहा यह संस्थान बहुत लंबे समय से आयुर्वेद के क्षेत्र में कार्य कर रहा हैं और इनकी दवाइयां गुणवत्तापूर्ण होने के साथ-साथ लोगों का विश्वास भी इनके उत्पादों पर है। अतः यह संस्थान पूर्व की भांति यथावत कार्य करते रहना चाहिए और इस इकाई को अन्यत्र स्थानांतरित ना किया जाए अगर प्रबंधन इस इकाई का विस्तारीकरण सिडकुल हरिद्वार में करना चाहता है तो इस पर हमारे कोई आपत्ति नहीं है परंतु यहां से औषधि निर्माणशाला कहीं नहीं जानी चाहिए।
कांग्रेस के जिला महामंत्री और यूनियन के संरक्षक सुभाष शर्मा ने कहा के कर्मचारी लंबे समय से इस संस्थान को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अगर संस्थान स्वर्ग आश्रम से सिडकुल हरिद्वार में स्थानांतरित किया जाएगा तो उनके परिवार की आर्थिक की पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा इसलिए प्रबंधन को अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।इस अवसर पर वीर सिंह कंडारी, सूरज साहू ,कालिका प्रसाद, रामदास, गोपाल शरण यादव ,विजेंद्र सिंह रावत ,हेमंत सिंह, मुरलीधर शर्मा ,घनश्याम तिवारी ,अरुण चौबे, हुकम सिंह, सुरेंद्र थापा, वीर सिंह रावत ,चंद्रमोहन कंडवाल, अनंत रयाल ,सुरेंद्र अग्रवाल ,कमल किशोर राय ,भोला राय, मनोरंजन पासवान ,बहादुर पासवान ,अजीत पासवान ,रामकुमार ,कमल पासवान, ललित पासवान ,उपेंद्र यादव, रंजीत सिंह, नारायण , राधेश्याम ,मीरा मंडल आदि कर्मचारी उपस्थित थे।