साहित्यकार मंगलेश डबराल के निधन पर अंतरराष्ट्रीय गढवाल महासभा ने जताया शोक

साहित्यकार मंगलेश डबराल के निधन पर अंतरराष्ट्रीय गढवाल महासभा ने जताया शोक

ऋषिकेश-अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा ने साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता प्रसिद्ध कवि एवं लेखक मंगलेश डबराल के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनके निधन को हिंदी साहित्य जगत के लिए अपूरर्णीय क्षति बताया है।

महासभा के अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि पहाड़ पर लालटेन जैसी बहुचर्चित कविता रचने वाले मंगलेश डबराल मूल रूप से टिहरी गढ़वाल निवासी थे ।उनके निधन से हिंदी ने अन्याय और शोषण के विरुद्ध एक पुरजोर आवाज खो दी।उनकी कविताओं में मानवीय संवेदना के खास स्वर मौजूद होते थे।इससे उनकी कविताएं कोरी नारेबाजी तक सिमटने के बजाय मानवीय पीड़ा को प्रकट करती थी। हिंदी साहित्य में मंगलेश डबराल को समकालीन कवियों में सबसे अग्रिम पंक्तियों में माना गया जाता रहा है।उन्होंने बताया कि मंगलेश डबराल के पाँच काव्य संग्रह प्रकाशित हैं जिनमे पहाड़ पर लालटेन, घर का रास्ता, हम जो देखते हैं, आवाज भी एक जगह है और नये युग में शत्रु बहुत ही प्रसिद्ध रहे है इसके अतिरिक्त इनके दो गद्य संग्रह लेखक की रोटी और कवि का अकेलापन के साथ ही एक यात्रावृत्त एक बार आयोवा भी प्रकाशित हो चुके है। कविताओं के भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त अंग्रेज़ी, रूसी, जर्मन, डच, स्पेनिश, पुर्तगाली, इतालवी, फ़्रांंसीसी, पोलिश और बुल्गारियाई भाषाओं में भी अनुवाद प्रकाशित हो चुके हैं। कविता के अतिरिक्त वे पत्रकारिता, साहित्य, सिनेमा, संचार माध्यम और संस्कृति के विषयों पर नियमित लेखन भी करते थे।इस मौके पर शोक व्यक्त करने वालो में साहित्यकार सतेंद्र चौहान सोशल,धनेश कोठारी,विकास रयाल, लोक गायक कमल जोशी,धूम सिंह रावत,उत्तम सिंह असवाल,अंकित नैथानी, मयंक भट्ट,विक्रांत भारद्वाज शामिल थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: