नमस्कार में है अद्भुत चमत्कार की शक्ति- स्वामी चिदानन्द

नमस्कार में है अद्भुत चमत्कार की शक्ति- स्वामी चिदानन्द

ऋषिकेश- आज विश्व नमस्कार दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि ’’शक्ति का उपयोग करने के बजाय अभिवादन संस्कार के माध्यम से संघर्षों को हल करना ही आज के दिन का उद्देश्य है।शांति को बढ़ाने के लिये व्यक्तिगत प्रयासों के महत्व की अभिव्यक्ति का संदेश देता है विश्व नमस्कार दिवस। आज के दिन हर व्यक्ति कोशिश करे कि कम से कम दस लोगों का अभिवादन कर आपसी संघर्षों को हल करने तथा शान्ति को बढ़ाने में अपना योगदान प्रदान करे।

स्वामी चिदानंद ने कहा कि हाथ जोड़कर नमस्कार करने का तात्पर्य संस्कार, सम्मान, संवाद और शान्ति की स्थापना से है। चेहरे पर मुस्कान के साथ हाथ जोड़कर व सिर झुकाकर अभिवादन करना ही तो भारत की संस्कृति है, जो दर्शाती है कि हमारा व्यवहार दूसरों के प्रति मित्रवत है, हम शान्तिपूर्ण वार्तालाप के लिये तैयार है तथा हम प्रेम के साथ दूसरों से जुड़ना चाहते हैं। कहा कि, ’नमस्कार’ केवल एक शब्द नहीं बल्कि इसमें पूरी दुनिया को प्यार और अपनत्व के साथ जोड़ने की शक्ति है। आज का दिन आपसी मतभेदों को भूलाकर शान्ति के साथ आगे बढने का अवसर देता है। ’नमस्कार’ में अद्भुत शक्ति है, अगर हम किसी अजनबी का अभिवादन करें तो उनका हृदय अपार श्रद्धा और प्रेम से भर जाता है।उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस ने भारतीय संस्कृति की अभिवादन पद्धति को वैश्विक स्तर पर साझा करने और उसके महत्व को समझने का एक अवसर दिया है।

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