भारतीय दर्शन आध्यात्मिकता और धर्म से युक्त – स्वामी चिदानन्द

भारतीय दर्शन आध्यात्मिकता और धर्म से युक्त – स्वामी चिदानन्द

ऋषिकेश-विश्व दर्शन दिवस की पूर्व संध्या पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि भारतीय दर्शन हमें अपने अस्तित्व की वास्तविकता से साक्षात्कार कराता है और भारत की गरिमामय संस्कृति, बंधुत्व और विविधता में एकता की संस्कृति से परिचय कराता है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि दर्शन, मनुष्यों को प्रकृति प्रवृत्ति और स्वयं से जोड़ता है। यह वैश्विक स्तर पर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की नींव को मजबूत करने में मदद करता है। भारतीय दर्शन हमें धर्म और नैतिकता की शिक्षा देता है। धर्म और नैतिकता तथा उसके मध्य अंर्त सम्बंध को समझने के लिये हमें दर्शन को समझना होगा और धर्म के अर्थ को समझना होगा। भारतीय दर्शन में तो धर्म की बहुत ही सुन्दर व्याख्या की गयी है। भारतीय दर्शन तो आध्यात्मिकता और धर्म से युक्त है। दर्शन कहता है कि आध्यात्मिकता और धर्म से तात्पर्य स्व कर्तव्य पालन और धारण करने से है। अगर सभी लोग धर्म और दर्शन के इस सिद्धान्त को लेकर जीवन में आगे बढ़े तो चारों ओर सह-अस्तित्व और शान्तिपूर्ण वातावरण होगा।

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