सरदार पटेल भारत की एकजुटता के वास्तविक सूत्रधार-स्वामी चिदानन्द

सरदार पटेल भारत की एकजुटता के वास्तविक सूत्रधार-स्वामी चिदानन्द
ऋषिकश- सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिवस के पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि सरदार पटेल ने रियासतों का एकीकरण ही नहीं किया बल्कि भारतीयों के दिलों का भी एकीकरण किया।
महाकाव्य रामायण के प्रणेता आदिकवि महर्षि वाल्मीकि का आज जन्मदिवस है। महर्षि वाल्मीकि ने भगवान श्री राम की गौरव गाथा, संघर्ष और साहस का उत्कृष्ट उदाहरण रामचरित्र मानस के माध्यम से प्रस्तुत किया है। रामायण में प्रभु श्री राम के जीवन अमृत की वह रसधार है, जिसकी हर बूंद से एक महाग्रंथ लिखा जा सकता है। हम धन्य हैं कि हमें प्रभु श्री राम की दिव्य लीलाओं का रामायण के माध्यम से स्वाध्याय करने का अवसर प्राप्त हुआ। प्रभु श्री राम की शरण, उनके चरण एवं उनका आचरण हमारे जीवन का पाथेय बने।
स्वामी चिदानंद ने कहा कि भारत में राजनेता हैं, राजनीतिज्ञ हैं परन्तु राष्ट्रीय एकता के लिये नेतृत्व करने वाले मेरी दृष्टि से केवल सरदार पटेल ही ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने एकता की अद्भुत मिसाल कायम की। वे एकता के नीतिज्ञ थे, वे स्वयं राष्ट्र की सेवा में समर्पित थे और उन्होंने अपनी व्यवहार कुशलता और कुशाग्रता के बल पर देशी रियासतों के एकीकरण का प्रबंधन किया। उन्होने दूरदर्शिता के बल पर भारत जैसे लोकतांत्रिक देश की 562 स्वतंत्र रियासतों के विलय का अत्यंत जटिल और संवेदनशील कार्य अपने हाथों में लिया। रियासतों के मालिकों को देशभक्ति और राष्ट्रीय संवेदना के प्रति सजग करते हुये सभी से देश हित में कार्य करने का आह्वान किया।