इंटरनेट ने दुनिया में उत्पन्न किया जुड़ाव-स्वामी चिदानन्द

इंटरनेट ने दुनिया में उत्पन्न किया जुड़ाव-स्वामी चिदानन्द
ऋषिकेश- इंटरनेट दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि इंटरनेट का आविष्कार पूरी दुनिया के लिये एक सौगात तो है ही, इससे लोग एक स्थान पर रहकर पूरी दुनिया को देख सकते हैं और दुनिया में होने वाली लगभग सभी गतिविधियों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इंटरनेट के विकास के शुरूआत में किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि यह एक ऐसा आविष्कार होगा जो मानव सभ्यता को इस तरह बदल देगा और एक दिन ऐसा आयेगा कि बिना इंटरनेट के जीवन की कल्पना करना कठिन हो जायेगा। कोविड-19 के समय में जब लाॅकडाउन शुरू हुआ था और फिर उसके पश्चात भी सब कुछ बंद रहा तब इंटरनेट की उपयोगिता और बढ़ गयी। लोग फिज़ीकल डिसटेंसिंग का पालन कर रहे थे परन्तु इंटरनेट के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े रहे। अब तो इंटरनेट ही एक ऐसा माध्यम है, जिससे दुनिया के लोग एक-दूसरे से जुड़े हुये हैं।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आज के युग में इंटरनेट के बगैर जीवन की कल्पना करना थोड़ा मुश्किल है। इंटरनेट के माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान करना अत्यंत सहज और आसान होता है। यह पूरी दुनिया को एक-दूसरे से जोड़े रखता है परन्तु इंटरनेट का उपयोग एक साधन के रूप में करना चाहिये न कि जीवन में व्यवधान उत्पन्न करने वाले माध्यम के रूप में।
स्वामी चिदानंद ने कहा कि आज का समय वैज्ञानिक आविष्कारों की दृष्टि से एक क्रांतिकारी युग है। इस दौरान ऐसे तमाम आविष्कार हुए जिन्होंने आम जनमानस के सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित किया है। हालाँकि तकनीक हमारी रोजमर्रा की जिंदगी के लिये काफी फायदेमंद होती है परन्तु वह मानव सभ्यता को प्रतिकूल रूप से भी प्रभावित कर सकती है। हमें कोशिश यह करनी होगी कि आने वाले वर्षों में भी तकनीक इसी तरह मानवीय जीवन को सरल और सुगम बनाती रहे परन्तु हमारी शान्ति को हमसे न छीन सके।
स्वामी चिदानंद ने कहा कि भारत का वैदिक साहित्य और वेदों में वैज्ञानिक और अध्यात्म का अद्भुत समन्वय है। प्राचीन काल में लगभग 3500 ई.पू. में पहिये की खोज के साथ हमारा वैज्ञानिक आविष्कार का सफर हुआ जो आज तक अनवरत जारी है इस यात्रा में 20वीं सदी में इंटरनेट के आविष्कार ने कंप्यूटर की दुनिया में एक क्रान्ति ला दी। जिसने लगभग संपूर्ण विश्व को अपने में समेट लिया।