प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाएगा एसआरएचयू-डॉ.विजय धस्माना

प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाएगा एसआरएचयू-डॉ.विजय धस्माना
डोईवाला- शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयाम स्थापित कर चुका स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट अब प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर भी बनाएगा। इसके तहत होम-स्टे योजना के लिए विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ विभिन्न चरणों में प्रदेश के करीब 1000 युवाओं को प्रशिक्षित करेगा। शुरुआती दौर में 100 युवाओं को निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा।कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि एसआरएचयू का फोकस युवाओं को सिर्फ किताबी ज्ञान देना और उन्हें डिग्री बांटने तक नहीं है। सामाजिक जरूरत को पहचानते हुए छात्र-छात्राओं उस दिशा में तैयार करना हमारा उद्देश्य है। हमारा फोकस ऐसे कोर्स शुरू करने पर है जिनके माध्यम से युवा नौकरी की बजाय खुद का व्यवसाय कर आत्मनिर्भर बनकर समाज के लिए प्रेरणास्रोत बन सकते हैं।
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया उत्तराखण्ड में कृषि, बागवानी, फूलों की खेती, टूरिज्म एंड वेलनेस के क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं हैं। होम-स्टे के क्षेत्र में काम कर उत्तराखंड के युवा आत्मनिर्भर बन सकते हैं। बहुत बड़े पैमाने पर एसआरएचयू होम स्टे के लिए युवाओं को प्रशिक्षित करने जा रहा है। कोविड काल में उत्तराखंड के कई युवा वापस लौट आए हैं। उनकों होटलों में कार्य करने अनुभव प्राप्त है। इन युवाओं का चयन कर इन्हें होम-स्टे व्यवसाय से जोड़ा जाएगा।कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि स्वरोजगार के क्षेत्र में काम कर रही संस्था लर्नइट के साथ एसआरएचयू ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। इसके तहत लर्न-इट के विशेषज्ञ एसआरएचयू में युवाओं को प्रशिक्षण देंगे।कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि होम-स्टे से जुड़े विशेषज्ञों के अनुभव के आधार पर कोर्स का एक फॉर्मेट तैयार किया है। पहले बैच में 100 युवाओं को होम-स्टे व्यवसाय का प्रशिक्षण दिया जाएगा। दो साल में 1000 युवाओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है।