हमारी विरासत हमें अपनी जड़ों से जुड़ना सिखाती है-स्वामी चिदानन्द

हमारी विरासत हमें अपनी जड़ों से जुड़ना सिखाती है-स्वामी चिदानन्द

ऋषिकेश- विश्व श्रव्य और दृश्य विरासत दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की धरोहर को जीवंत बनाये रखने के लिये उसका संरक्षण नितांत आवश्यक है। भारत के पास अपनी गौरवशाली विरासत है, जिसे हमारे पूर्वजों ने हमारे साथ साझा किया और अब हमें अपनी आगे आने वाली पीढ़ियों के लिये उसे संभाल कर रखना होगा। भारत के पास दुनिया को देने के लिये एक श्रेष्ठ संस्कृति, सदियों पुरानी सभ्यता, योग, अध्यात्म, सांस्कृतिक धरोहर, पुरातात्विक विरासत आदि अन्य विरासतें हैं, जिन्हें सहेज कर रखना जरूरी है।

स्वामी चिदानंद ने कहा कि हमारी विरासत हमें अपनी जड़ों से जुड़ना सिखाती है, हमारे संस्कारों और संस्कृति से परिचय कराती है।कहा कि, समाज के लोग अपनी धरोहर को आगे आने वाली पीढ़ियों के लिये संग्रहीत करते हैं और सुरक्षित रखते हैं, उसी प्रकार राष्ट्र की भी अपनी धरोहर होती है और उसे सहेजना, सुरक्षित रखना और संवर्द्धित करना सभी नागरिकों का परम कर्तव्य है।

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