मां कालरात्रि की पूजा में लीन हुए श्रद्धालु !

मां कालरात्रि की पूजा में लीन हुए श्रद्धालु !

ऋषिकेश- शुक्रवार को दिन भर देवी तीर्थ नगरी के मंदिरों में मां के सप्तम स्वरूप कालरात्रि की भक्तों ने पूजा- अर्चना की। भक्त देवी की भक्ति में लीन दिखाई दिए। मंदिरों में दिनभर घंटा-घड़ियाल की गूंज से वातावरण भक्तिमय बना रहा। जयकारा लगाते हुए श्रद्धालुओं ने मां अम्बे को नारियल व चुनरी चढ़ाकर उनके कृपा की कामना की।

नवरात्र के सातवें दिन भोर से ही पूजन-अर्चन का दौर शुरू हो गया। कोई दीपदान करता दिखा, तो किसी ने मां को लाल चुनरी अर्पित कर सुख-समृद्धि की कामना की। नगर के कात्यायनी मंदिर, दुर्गा मंदिर सहित ग्रामीण प्रतीत नगर स्थित होशियारी माता मंदिर में सुबह से रात तक मां के दर्शन को श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। देवी मंदिरों में दुर्गा चालीसा के पाठ के साथ भक्तिगीतों की गूंज रही। भक्तों ने धूप, दही, घी, कपूर, फूल, फल, चुनरी, सिदूर, काजल, अगरबत्ती, पंचमेवा, पान आदि के साथ विधि विधान से मां कालरात्रि की पूजा अर्चना की। कचहरी मंदिर के संस्थापक गुरविंदर सलूजा ने बताया क माँ दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं। नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना का विधान है। इस दिन साधक का मन ‘सहस्रार’ चक्र में स्थित रहता है। इसके लिए ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है। देवी कालात्रि को व्यापक रूप से माता देवी – काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मृित्यू, रुद्रानी, चामुंडा, चंडी और दुर्गा के कई विनाशकारी रूपों में से एक माना जाता है।माना जाता है कि देवी के इस रूप में सभी राक्षस,भूत, प्रेत, पिसाच और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है, जो उनके आगमन से वह पलायन करते हैं |

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