कोेविड-19 ने बदल दिया पर्वों का स्वरूप- स्वामी चिदानन्द

कोेविड-19 ने बदल दिया पर्वों का स्वरूप-
स्वामी चिदानन्द

ऋषिकेश- परमार्थ निकेेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण हमारे पर्वों का स्वरूप बदला है परन्तु उसके मूल में जोे संदेश है वह यथावत है। नवरात्रि पर्व तमस को हरने वाली रात्रि का पावन अवसर है।


स्वामी चिदानंद ने कहा कि वैैसेे तो भारत में नवरात्रि का त्योहार विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। नवरात्रि के अवसर पर दिल्ली में ‘रामलीला’, पश्चिम बंगाल में ‘दुर्गा पूजा उत्सव’, गुजरात में ‘गरबा नृत्य’ का आयोजन तथा दक्षिण भारत में इस अवसर पर बोम्मई गोलू या नवरात्रि गोलू का आयोजन किया जाता है अर्थात् हस्तनिर्मित गुड़ियों का कलात्मक प्रदर्शन। वर्तमान में कोविड-19 के कारण सारेे पर्वों का स्वरूप ही बदल गया, लोगों के सोचने का ढ़ंग भी बदला हैै। कोरोना ने हमारी पर्व और संस्कृति तो नहीं परन्तु उनकोे मनाने का बाहरी ढ़ंग बदल दिया है लेकिन लोगों की निष्ठा आज पहले से ज्यादा मज़बूत हुई है। उन्होंने कहा कि भारतीय पर्व और संस्कृति में कला, संगीत, नृत्य और मानव जीवन की अनेक उच्च स्त्तरीय उपलब्धियाँ सम्मिलित हैं। हमारे पर्व और त्यौहार हमें श्रेष्ठता की ओर बढ़ने का संदेश देते हैं।भारतीय संस्कृति और पर्वों का सर्वाधिक सुव्यवस्थित रूप वैदिक युग में प्राप्त होता है। हमारे अनेक पर्वों और त्यौहारो का उद्भव वैदिक संस्कृति से ही हुआ है। वेद तो विश्व के प्राचीनतम ग्रंथों में से एक माने जाते हैं जिसमें वैज्ञानिकता तथा आध्यात्मिकता का अद्भुत समन्वय है इसलिये तो भारतीय संस्कृति उदात्त, समन्वयवादी एवं जीवंत बनी हुई है।हमारे पर्व हमें संदेश देते है, जिनके मूल में गहरा संदेश और मानवता के सिद्धांत समाहित हैं, समस्त मानव जाति के कल्याण के सूत्र समाहित हैे उन सूत्रों को आत्मासात कर जीवन में आगे बढ़ते रहे।नवरात्रि के नौै दिन हमें यही संदेश देतेे हैं कि भीतर के तमस से बाहर निकलकर एक नव जीवन की शुरूआत करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: