घर में घुसा “सांप” सहमा परिवार, वन कर्मी ने पकड़ा

घर में घुसा “सांप” सहमा परिवार, वन कर्मी ने पकड़ा

ऋषिकेश-ग्राम सभा खदरी खड़क माफ के वार्ड नम्बर 6 विष्णु विहार में देवेंद्र रयाल के घर पर बागवानी की दीवार में शनिवार की सुबह सांंप घुस जाने से परिवार के सदस्य सहम गए।उन्होंने सांंप के दीवार में घुसने की सूचना अपने पड़ोसी पर्यावरणविद विनोद जुगलान विप्र को दी।उन्होंने वन विभाग को सांप की सूचना देते हुए आधे घण्टे तक लगातार साँप की निगरानी की।

सूचना पर पहुँचे वनकर्मी मनोज कुमार भोला ने घर के पिछवाड़े में बागवानी की दीवार से साँप को पकड़ लिया।जैवविविधता समिति के अध्यक्ष विनोद जुगलान ने बताया कि सांंप स्ट्राइपेड केलबैक प्रजाति का है जो कॉमन ट्राईपेड से मिलता जुलता है।यह सांंप अक्सर सूखी पत्तियों के नीचे,पुराने घरों की दरारों या सुरक्षा दीवारों के पुस्तों सहित धान के खेतों या पानी के तालाबों के निकट पाए जाते हैं।मेंढक,छिपकलियों के अतिरिक्त चूहे इसका प्रिय भोजन हैं।यह मानसून के पश्चात देर तक भी दिखते हैं।इस प्रजाति में हेमो टॉक्सिक स्लो पोइज़न होता है।यह फेक बाइट अधिक करता है लेकिन देरतक उपचार न मिलने पर सर्पदंश से पीड़ित की मृत्यु भी हो सकती है।भारत में सापोंं की दोसौ सत्तर से अधिक प्रजाति मिलती हैं।लेकिन इनमें से 15 प्रजातियाँ ही विषैली होती हैं।लोग सभी सर्पों को विषैला मानकर मार देते हैं।जो कि गलत है।कुछ सांंप छोटे सांंपो को भी खाकर जैवविविधता को संतुलित करते हैं।हमें अन्य वन्यजीवों की तरह साँपो का भी सम्मान करते हुए नहीं मारना चाहिए।यदि किसी को भी घरों के आस-पास साँप दिखाई दें तो वन विभाग को सूचित करना चाहिए।

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