दृष्टि है तभी खूबसूरत सृष्टि है- डॉ राजे सिंह नेगी

दृष्टि है तभी खूबसूरत सृष्टि है- डॉ राजे सिंह नेगी

ऋषिकेश- दृष्टि है तभी खूबसूरत सृष्टि है। यह कहना है तीर्थ नगरी के नेत्र रोग विशेषज्ञ समाजसेवी डॉ राजे सिंह नेगी का।

वृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय विश्व सृष्टि दिवस पर डॉ नेगी ने कहां की मानव शरीर के सभी अंग बेहद महत्वपूर्ण है और सब की अलग अलग अहमियत है ।लेकिन दुनिया को देखने वाली आंखें बहुत नाजुक होती है जिनका ख्याल रखने की बेहद आवश्यकताा होती है। उन्होंने बताया कि आंखें कुदरत का दिया हुआ अनमोल तोहफा है । उन्हीं की बदौलत इस संसार की खूबसूरती को देख पाते हैं । आंखों की कीमत उनसे पूछो जिन्हें कम दिखता है या जो लोग देख ही नहीं सकते हैं । आंखों की सुरक्षा को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

बकौल नेत्र विशेषज्ञ डा नेगी के अनुसार विगत सात माह में कोरोनाकाल प्रराम्भ होने के बाद से नेत्र रोग की समस्याओं मेंं अभूतपूर्व इजाफा हुआ है। वर्क फ्रॉम होम की वजह से दिन भर लैपटॉप मेंं काम करने की वजह से जहां नौकरी पेशा वाले लोग नेत्र रोगों की चपैट में आये हैं वहीं पांंच वर्ष से लेेेकर कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स में भी ऑनलाइन स्टडीज की वजह से यही समस्या देखने को मिली है।उन्होंने बताया आंखें हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग हैं। इस खूबसूरत दुनिया को देखने के लिए इन आंखों का सही सलामत होना बेहद जरूरी है। इसके लिए इनकी देखभाल करना बेहद जरूरी है।आजकल कम्प्यूटर और मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से ड्राई आई सिण्ड्रोम की समस्या पैदा हो रही है। इसलिए जरूरी है कि काम के दौरान हर आधे घंटे बाद करीब 10 मिनट आंखों को विश्राम जरूर दें और थोड़ी देर दूर देखने की कोशिश करें। पलकों को जल्दी-जल्दी झपकाने की कोशिश करें। नजर कम होने पर, धुंधला दिखने पर चश्मे की जांच कराएं। गलत नंबर का चश्मा पहनने से आंखों में भैंगापन हो सकता है। चश्मे को साफ और खरोंच मुक्त रखें। उन्होंने बताया कि किसी भी दूसरे व्यक्ति का तौलिये रूमाल का प्रयोग न करें, इससे संक्रमण हो सकता है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ राजे सिंह नेगी के अनुसार मधुमेह और उच्च रक्तचाप नेत्र दृष्टि को क्षति पहुंचा सकते हैं, अंधापन भी ला सकते हैं। उन्हें नियंत्रण में रखें।समस्या होने पर स्वयं डॉक्टर न बनें, न ही किसी नीम हकीम की दवा का प्रयोग करें। विशेषज्ञ से परामर्श करें।

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