गुरू गोबिंद सिंह जी के निर्वाण दिवस पर स्वामी चिदानंद मुनि ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

गुरू गोबिंद सिंह जी के निर्वाण दिवस पर स्वामी चिदानंद मुनि ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

ऋषिकेश-परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने सिख धर्म के 10 वें गुरू गोबिंद सिंह जी की निर्वाण दिवस पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये कहा कि गुरू गोबिंद सिंह जी ने प्रेम और ज्ञान, सदाचारी एवं सत्यनिष्ठ होने का संदेश दिया।

स्वामी चिदानन्द ने कहा कि गुरू नानक देव जी से लेकर दसवें गुरू, गुरूगोबिंद सिंह जी ने जीवन के बड़े ही प्यारे मंत्र दिये। ’’नाम जपना, हमेशा ईश्वर का सुमिरन करना, किरत करना और ईमानदारी से आजीविका अर्जित करना। वंड छकना, अर्थात दूसरों के साथ अपनी कमाई साझा करना, जरूरत मंदों को दान देना एवं उनकी देखभाल करना। वास्तव में यही जीवन जीने व सेवा करने का माध्यम है। ईमानदारी से जीवन जीना, अपराध से दूर रहना और प्रकृति के अनुरूप जीना यही सच्चा धर्म है।उन्होंने कहा कि
गुरु गोबिन्द सिंह जी सिखों के दसवें गुरु थे। वह एक महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक व्यक्तित्व के धनी थे। स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के नेतृत्व में सिख समुदाय के इतिहास में जागृति और नई ऊर्जा का समावेश किया।

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