ऑनलाइन पढ़ाई ने गर्माया “मोबाइल “और “लैपटॉप” का बाजार!

ऑनलाइन पढ़ाई ने गर्माया “मोबाइल “और “लैपटॉप” का बाजार!
ऋषिकेश- देश में अनलॉक फाइव शुरू हो चुका है।लेकिन शिक्षण संस्थाओं को अभी भी खुलने का इंतजार है।कोविड-19 के कारण चल रहे लॉकडाउन में बंद स्कूल-कॉलेज ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई ने बाजार में पहले स्मार्ट मोबाइल फोन और अब लैपटॉप की मांग बहुत अधिक बढ़ा दी है। नया फोन लेने की बजाय अभिभावक बच्चों के लिए लैपटॉप खरीद रहे हैं, जिससे ऑनलाइन क्लास में सुविधा हो। इसके साथ ही वर्क फ्रॉम के कारण भी बढ़ी लैपटॉप की मांग ने नए व पुराने लैपटॉप के दामों को भी बढ़ा दिया है। नए लैपटॉप की कीमतों में जहां 25 से 30 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई, वहीं पुराने लैपटॉप 40 से 50 फीसद अधिक दाम में बिक रहे हैं।मार्च में मई अंत तक पूरी तरह लॉकडाउन रहा। इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई ने रफ्तार पकड़ी तो स्मार्ट फोन और लैपटॉप की सख्त जरूरत भी महसूस हुई। एक जून से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होते ही अचानक लैपटॉप की खरीदारी बढ़ी। दुकानों में नए लैपटॉप के पुराने व नए मॉडल खूब बिके। जिनके बजट कम थे उन्होंने पुराने लैपटॉप का रुख किया। पुराने लैपटॉप की मांग नए से भी अधिक बढऩे लगी। इन चार महीनों में बाजार में मौजूद पुराने लैपटॉप का स्टॉक जैसे-जैसे कम होने लगा, दाम वैसे ही बढ़ते गए। 10 हजार के लैपटॉप 15 हजार, 15 हजार के लैपटॉप 22 हजार रुपये तक में बिकने लगे। इसके साथ ही स्मार्टफोन की मांग भी अचानक तेजी से बढ़ गई।
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लैपटॉप और मोबाइल की बढ़ती मांग के बीच ऑनलाइन कंपनियों ने सस्ते मॉडल की बजाय नए, आधुनिक व महंगे मॉडल को ही सामने रखा और बेचा। ऑनलाइन कंपनियों के इस ट्रेंड का सोशल मीडिया पर कुछ विरोध भी हुआ लेकिन कहीं कोई सुनवाई अब तक तो नहीं हुई है।कोरोना ने दुनिया को लॉक किया तो तमाम देशों ने भारत से भी पहले लॉकडाउन हुआ। हर जगह मांग बढऩे से देशों ने पुराने लैपटॉप के एक्सपोर्ट बंद रोक दिया। तमाम देशों से पुराने लैपटॉप लेकर भारत सहित विभिन्न देशों को एक्सपोर्ट करने वाले चीन से भी सामान आने बंद हो गए। मांग बढ़ती गई और आपूर्ति लगातार कम होने से दाम भी मनमाने लिए गए। हरिद्वार रोड स्थित आशीर्वाद कांपलेक्स में शिवा कंप्यूटर के नाम से दुकान चलाने वाले आशुतोष मैठानी ने बताया कि वैश्विक मंदी के बावजूद लैपटॉप के बाजार में पिछले कुछ माह में करीब 20 से 25 फीसदी उछाल आया है जिसकी वजह है ऑनलाइन क्लासों को मानते हैं।