शाकाहारी बनकर ले पशुओं के संरक्षण का संकल्प- स्वामी चिदानन्द सरस्वती

शाकाहारी बनकर ले पशुओं के संरक्षण का संकल्प- स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश- विश्व पशु कल्याण दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की समृद्धि में वहां के प्राकृतिक संसाधनों के साथ जैव विविधत का भी बहुत बड़ा योगदान है। स्वच्छ जल और जलीय जीवों से युक्त सदानीरा नदियां, हरे-भरे जंगलों के साथ उसमें स्वछंद रूप से भ्रमण करते प्राणी यही तो असली सम्पत्ति है।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि प्राणियों के प्रति सम्मान रखने का एक संकल्प हम शाकाहारी बनकर भी ले सकते है। हमारी तो संस्कृति में हमारे आराध्य देवताओं यथा भगवान श्री कृष्ण, भगवान शंकर और अन्य देवी-देवताओं ने प्राणियों को आश्रय, सम्मान और सान्निध्य प्रदान किया है।
धरती से विलुप्त हो रहे दुर्लभ प्राणियों के विषय में चिंता व्यक्त करते उन्होंने कहा कि दुर्लभ प्रजातियों के विलोपन के लिये प्राकृतिक तथा मानवीय दोनों ही कारण जिम्मेदार है किंतु वर्तमान समय में मानवीय गतिविधियाँ सबसे बड़ा कारण बनकर सामने आ रही है। वन्य जीवों के संरक्षण हेतु सतत् संधारणीय विकास को बढ़ावा दिया जाना चाहिये इससे वन्य जीव प्रजाति का अस्तित्व बचा रहेगा।