तीर्थ नगरी में पुलिसकर्मियों के दिखने पर ही लगता है “मास्क”

तीर्थ नगरी में पुलिसकर्मियों के दिखने पर ही लगता है “मास्क”
ऋषिकेश- बिना में मास्क के सैर सपाटा कर रहे शहरवासी, ऐसे कैसे देंगे कोरोना को मात ?इन्हें खुद की परवाह तो है नहीं, दूसरों की जान भी जोखिम में डाल रहे हैं।
तीर्थ नगरी में कोरोना कहर के बावजूद कुछ लोग बाज नही आ रहे।खुद के साथ दूसरों की जान जोखिम में डालकर बिना मास्क के लोग घर से बाहर निकल रहे हैं और सैर सपाटा कर रहे हैं। इन्हें खुद की परवाह तो है नहीं, दूसरों की जान भी जोखिम में डाल रहे हैं। इससे हालात बिगड़ते जा रहे हैं। यही स्थिति रही तो कोरोना को कैसे मात दे पाएंगे?
बुधवार को तमाम प्रमुख मार्गों पर अधिकतम बाइक सवार बिना मास्क के थे। सेंटर प्वाइंट घाट चौराहे पर ट्रैफिककर्मी का ध्यान चालान पर था। आसपास दुकानों में भीड़ थी। बेतरतीब खड़े वाहनों को भी कोई देखने वाला नहीं था। घाट चौराहे के दोनों छोर रेलवे रोड़ और त्रिवेणी घाट बाजा में भी दिनभर शारीरिक दूरी की धज्जियां उड़ी हुईं थीं।मामला बाजारों तक ही सीमित नही था सरकारी दफ्तरों और बैकों में भी हालात कुछ ऐसे ही थे।विडंबना देखिए नियमों के प्रति लापरवाही तब है जब लगातार यहां कोरोना ने कहर बरपा रखा है।पिछले एक पखवाड़े में ही अनेकों लोगों ने इस वैश्विक महामारी की चपेट में आकर दम तोड़ा है।बावजूद इसके अभी भी लोग बेपरवाह बने हुए हैं। मास्क ना लगाने में शान समझते हैं। आसपास लोग मास्क लगाएं तो हैरानी भरी नजर से देखते हैं।
कई लोग ऐसे हैं, जो गले में मास्क लटकाए रहते हैं। पुलिस दिखाई देती है तो मास्क लगा लेते हैं और फिर निकाल लेते हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि संक्रमण किसी को नहीं छोड़ रहा। जबकि तमाम जानकर लगातार कहते आये हैं कि मास्क से बचा जा सकता है।एम्स प्रशासन का कहना है सितंबर में संक्रमण तेजी से बढ़ा है। हर दिन दर्जनों केस आ रहे हैं। सभी को सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। सबसे प्रभावी है मास्क पहनना। लेकिन लोग हल्के में ले रहे हैं।