उत्कृष्ट साहित्यकार, आदर्श प्रवक्ता व अद्भुत मंच संचालक हैं डॉ सुनील दत्त थपलियाल

उत्कृष्ट साहित्यकार, आदर्श प्रवक्ता व अद्भुत मंच संचालक हैं डॉ सुनील दत्त थपलियाल
ऋषिकेश- उनकी वाणी में मां सरस्वती का वास है। वह हिंदी के आदर्श प्रवक्ता ही नहीं उत्तराखंड के
उत्कृष्ट साहित्यकार भी हैं। उनके मंच संचालन से ही विभिन्न कार्यक्रमों में समां बंध जाता है। जी हां हम बात कर रहे हैं देवभूमि ऋषिकेश के सर्वश्रेष्ठ मंच संचालक श्री भरत मंदिर ईश्वर कॉलेज के हिंदी के प्रवक्ता डॉ सुनील दत्त थपलियाल की।
हिंदी भाषा की पताका उत्तराखंड में बल्कि दुनिया भर में फेराने के लिए आवाज साहित्यिक संस्था के फेसबुक पेज पर वह साहित्य कवि सम्मेलन के साथ विभिन्न क्षेत्रों में उत्तराखंड को गौरवान्वित करने वालों की प्रतिभा को सामने लाने के लिए वह इन दिनों जुटे हुए हैं। हिंदी दिवस के अवसर पर डॉक्टर थपलियाल से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि तन भी हिदी मन भी हिदी, हिदी मेरे कण-कण में है। गुमानीवाला में रहने वाले शिक्षाविद डॉक्टर सुनील थपलियाल दो भाई वह एक बहनों के परिवार में सबसे छोटे हैं। उन्होंने बताया उनके पिता स्वर्गीय जेआर थपलियाल ने जो संस्कार उन्हें बचपन में दिए थे उन्हीं संस्कारों पर
चलने के लिए वे सदैव प्रयत्नशील रहे हैं। राष्ट्रभाषा हिंदी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहां कि समय के बदलने के साथ ही हिदी की महत्ता भी बढ़ी है। हालांकि अपना मूल स्थान पाने से हिदी अभी भी वंचित है। शिक्षाविद डॉ थपलियाल के अनुसार
हिंंदी को भविष्य निर्धारण की प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इससे हिदी का प्रभाव तेजी से बढ़ेगा।