“पढ़ेगा इंडिया तभी आगे बढ़ेगा इंडिया” की पंक्ति को साकार करने के लिए शिक्षा नीति में आमूलचूल सुधार की आवश्यकता डॉ -राजे सिंह नेगी

“पढ़ेगा इंडिया तभी आगे बढ़ेगा इंडिया” की पंक्ति को साकार करने के लिए शिक्षा नीति में आमूलचूल सुधार की आवश्यकता डॉ -राजे सिंह नेगी

ऋषिकेश-तीर्थ नगरी ऋषिकेश के गरीब बच्चों में निःशुल्क शिक्षण संस्थान उड़ान पाठशाला के जरिए शिक्षा की अलख जगाने वाले समाजसेवी डॉ राजे सिंह नेगी का कहना है कि पढ़ेगा इंडिया तभी आगे बढ़ेगा इंडिया की पंक्ति को साकार करने के लिए देश की शिक्षा व्यवस्था में अभी बहुत आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है।

विश्व साक्षरता दिवस के मौके पर उड़ान शिक्षण संस्थान के निदेशक डॉ नेगी ने कहा कि इस वर्ष कोविड संकटकाल के बीच अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2020 “विशेष रूप से शिक्षकों और शिक्षण भूमिका पर मुख्य रूप से युवाओं और वयस्कों पर ध्यान केंद्रित करता है।उन्होंने बताया कि
भारत में आजादी के बाद से साक्षरता दर में बढ़ोतरी हुई है लेकिन फिर भी आंकड़े परेशान करने वाले हैं। भारत की साक्षरता दर विश्व की साक्षरता दर से 84 फीसदी कम है।शिक्षा के क्षेत्र में भी लैंगिक असमानता
को बेहद चितांजनक बताते हुए उन्होंने कहा कि
देश में महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक साक्षर हैं। पुरुषों की साक्षरता दर 82.14 फीसदी है। वहीं महिलाओं की साक्षरता दर 65.46 फीसदी है।
माध्यमिक शिक्षा की बात करें तो शिक्षा के निजीकरण ने शिक्षा के व्यवसायीकरण की तरफ तेजी से रुख किया है। इस व्यवसायीकरण ने सरकारी विद्यालयों की शिक्षा में एक बड़ा सेंध लगाने का काम किया है। इन विद्यालयों का जोर दिखावटी शिक्षा पर अधिक केंद्रीय हुआ है न कि विद्यार्थियों में सीखने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने पर। इनके पाठ्यक्रमों की व्यवस्था भी सही ढंग से निर्धारित नहीं रहती है। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की गुंजाइश पर उन्होंने नई शिक्षा नीति को काफी हद तक सही ठहरायि । उड़ान पाठशाला के निदेशक डॉ राजे सिंह नेगी की माने तो नई शिक्षा नीति के आने के बाद शिक्षा में सुधार की उम्मीदों को नए पंख लगे हैं ।

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