सिस्टम पर भारी सरकारी कर्मचारियों की “मनमर्जियां”

सिस्टम पर भारी सरकारी कर्मचारियों की “मनमर्जियां”

ऋषिकेश-सरकारी दफ्तरों में मनमर्जी का आलम सरकारी सिस्टम को बिगाड़ रहा है।कोरोनाकाल में कर्मचारी और बेलगाम नजर आ रहे हैं।
तीर्थ नगरी के सरकारी कार्यालयों पर नजर दोड़ाओ तो अफसर मस्तऔर कर्मचारी बेपरवाह नजर आ रहे हैं। ऐसे में सरकारी योजनाएं कैसे आमजन तक पहुंचती हैं, यह बड़ा सवाल है। क्योंकि साहब और उनके मातहत समय के पाबंद नहीं है। सोमवार को विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी लापता नजर आये।बैकों, डाकघर, निगम कार्यालय सहित अन्य सरकारी दफ्तरों में लगभग नजारा एक सा था।

निगम महापौर अनिता ममगाई जहां एक और टाईम अपने कार्यालय पहुंची ।आवश्यक कार्य निपटाए,जन समस्याओं को सुना वहीं दूसरी ओर कुछ कर्मचारियों की कुर्सियां खाली भी पाई गई।पब्लिक डीलिंग से जुड़े बैकिंग सेवा में अवकाश के बाद सोमवार का दिन कर्मचारियों का आरामपरस्ती वाला दिखाई दिया।पंजाब नेशनल बैंक की मुख्य शाखा में आज सुबह 11 बजे कुछ महत्वपूर्ण काउंटर की सीट पर कोई कर्मचारी मोजूद नही था। कुछ ऐसा ही हाल सरकारी कर्मचारियों की पेंशन के समाधान के लिए बने काऊंंटर में भी नजर आया।इससे पहले कुछ और सरकारी दफ्तरों का हाल जाना तो सुबह के साढ़े नौ से पौने दस बजे तक अधिकतर कार्यालयों के ताले तक नहीं खुले थे।तहसील कार्यालय में अधिकांश कर्मचारियों की कुर्सियां खाली रहीं। इन सब के बीच बड़ा सवाल ये है कि सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों के मनमर्जी वाले रवैये पर लगाम कसेगी तो कसेगी कैसे।

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