श्राद्ध पक्ष में खरीदारी की मनाही नही, शास्त्रों में नहीं है उल्लेख-राजेंद्र नौटियाल

श्राद्ध पक्ष में खरीदारी की मनाही नही, शास्त्रों में नहीं है उल्लेख-राजेंद्र नौटियाल
ऋषिकेश-कोरोना काल में पहले ही बाजारों की स्थिति बेहद नाजुक चल रही है। अब श्राद्ध पक्ष शुरू होने के कारण भी लोग खरीदारी करने से बचेंगे। लोगों की धारणा है कि श्राद्ध पक्ष में नया काम और खरीदारी नहीं की जाती है। जबकि शास्त्रों में स्पष्ट वर्णित है कि श्राद्ध पक्ष पितरों के प्रति श्रद्धावान रहने का काल है, न कि भ्रम पालने का।
शहर के प्रसिद्ध ज्योतिषविद राजेंद्र नौटियाल के अनुसार इन 16 दिनों में शुभ कार्य नहीं होते हैं, खरीदारी की जा सकती है।उन्होंने बताया कि श्राद्ध पक्ष में पृथ्वी पर हमारे पूर्वज अवतरित होते हैं। ऐसे में उनका आगमन अशुभ कैसे हो सकता है। उनका आगमन हमारे लिए कल्याणकारी है। उन्होंने बताया कि श्राद्ध पक्ष में खरीदारी पर कोई मनाही नहीं है। पूर्वजों के अच्छे कार्यों को याद करते हुए उनके अनुभवों से प्रेरणा लें और उनके बताए रास्ते पर चलना ही मुख्य रूप से पितृ पक्ष का ध्येय है। जरूरत की वस्तुओं की खरीदारी करने में किसी प्रकार की कोई मनाही नहीं है। इन 16 दिनों में शुभ कार्यों के साथ ही शुभ कार्यों के लिए खरीदारी नहीं होती है। उधर पितृ पक्ष आरंभ होने का मिला-जुला असर बाजार में देखने को मिल रहा है। लोग जरूरत के सामान की खरीदारी करने ही घर से निकल रहे हैं। हालांकि गुरुवार के साप्ताहिक अवकाश के बाद बाजारों में अच्छी चहल पहल रही।बताते चले कि
पुराणों के अनुसार श्राद्ध पक्ष में विवाह, प्राण-प्रतिष्ठा और गृह प्रवेश निषेद्ध है।