गंगा की बाढ़ से हुआ वन क्षेत्र को नुकसान,कटाव ने सुरक्षा तार बाड़ तोड़ी

गंगा की बाढ़ से हुआ वन क्षेत्र को नुकसान,कटाव ने सुरक्षा तार बाड़ तोड़ी
ऋषिकेश-राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में रुक रुक कर हो रही भारी वर्षा से न केवल मानव जनजीवन अस्त व्यस्त है बल्कि इससे वन और वन्यजीवों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।जैसे-जैसे गंगा का जल स्तर घटबढ़ रहा है वैसे ही बीते दिनों हुई भारी वर्षा से गंगा के जलस्तर वृद्धि होने के कारण हुई क्षति का भी पता चलने लगा है।श्यामपुर न्याय पँचायत के ग्राम खदरी खड़क माफ की सीमा पर स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक के समीपवर्ती क्षेत्र में 10 हेक्टेयर भूमि पर जुलाई माह में रोपित दस हजार पौधों की वन्य जीवों से सुरक्षा को वन विभाग की ओर से लगाई गई तार बाड़ का एक हिस्सा गंग की भेंट चढ़ गया।इस बात का पता तब चला जब लोग पानी घटने पर नदी के दूसरी ओर गये।इससे पूर्व भी वन क्षेत्र ऋषिकेश की ओर से वन क्षेत्राधिकारी एम एस रावत के निर्देशों पर सुरक्षा बाड़ को ठीक किया गया था लेकिन अचानक वीरभद्र बैराज प्रसाशन की ओर से अतिरिक्त जल की निकासी करने से तार बाड़ नदी की बाढ़ की चपेट में आगयी।जिससे वन सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा है।बताते चलें कि यहाँ गंगा पॉलिटेक्निक संस्थान के पिछली ओर नए प्लान्टेशन के समीप बह रही है।गनीमत यह है कि वन विभाग की ओर से जून माह में उक्त सीमा पर 35 मीटर का तार जाल सुरक्षा की दृष्टि से लगाया गया था।इससे पानी की टक्कर दूसरी दिशा में होने से कुछ बचाव हो गया अन्यथा बड़े नुकसान की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता था।
स्थानीय ग्रामवासी एवं नमामि गंगे जिला क्रियान्वयन समिति देहरादून के सदस्य पर्यावरण विद विनोद जुगलान विप्र का कहना है कि 35 मीटर सुरक्षा तार जाल से आगे जहाँ पर वन भूमि का कटाव हो रहा है,उक्त स्थान पर सुरक्षा तार जाल के प्रबन्ध किये जाने चाहियें वरना निकट भविष्य में वन भूमि सहित राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान को भी खतरा उत्पन्न हो सकता है।