कोविड 19 के साथ डेंगू से बचाव भी जरुरी- डॉ हरिओम प्रसाद

कोविड 19 के साथ डेंगू से बचाव भी जरुरी- डॉ हरिओम प्रसाद
ऋषिकेश- कोविड-19 वायरस के चलते लोग इस बार जानलेवा डेंगू व अन्य मच्छरजनित बीमारियों को भूल गए हैं।तीर्थ नगरी ऋषिकेश में कम बरसात के चलते भलेे ही डेंगू का प्रकोप अभी दिखाई नहीं दे रहा हो, मगर इसका मतलब ये नहीं कि इस बार डेंगू का खतरा टल गया। डेंगू ऐसा बुखार है, जिसे माहमारी के रूप में देखा जाता है।
आई एम ए के अध्यक्ष डा हरिओम प्रसाद के अनुसार देशभर में पिछले कुछ वर्षों में डेंगू ने कहर बरपाया है।तीर्थ नगरी भी इससे अछूती नही रही है।डा प्रसाद के अनुसार देश में डेंगू व अन्य मच्छरजनित बीमारियों से हजारों जानें चली जाती हैं। आई एम ए के अध्यक्ष डा हरिओम प्रसाद की मानें तो मच्छर जनित रोगों की चपेट में आकर ज्यादातर लोग एक सप्ताह में ठीक हो जाते हैं, अन्यथा गंभीर लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जैसे-पेट में तेज दर्द, मूत्र, मल या उल्टी में ब्लड आना, थकान व बेचैनी होना, सांस लेने में दिक्कत, मसूड़ों या नाक से रक्तश्राव होना आदि। बारिश होने के बाद इसके फैलने की आशंका अधिक रहती है। यह एडिज मच्छर के काटने से होता है, जो साफ व ठहरे हुए पानी में अधिक फैलते हैं।उन्होंने बताया कि सिरदर्द, जोड़ों-मांसपेशियों में और शरीर में दर्द, उल्टी, आंखों में दर्द, ग्रंथियों में सूजन, तेज बुखार व चिड़चिड़ापन आदि डेंगू से सामने लक्षण हैं। बरसात के मौसम में यह आम है। लक्षण दिखते ही अपने रक्त की जांच कराएं और आसपास मच्छरों से सुरक्षा के उपाय करें। डेंगू से बचाव की जानकारी देते हुए नगर के प्रमुख चिकित्सक और आई एम ए के अध्यक्ष डा हरिओम प्रसाद ने बताया कि घर के आसपास पानी न एकत्र होने देें, गमलों, पुराने टायर व अन्य पात्रों का पानी बदलते रहें।कूलर का पानी सप्ताह में एक बार जरूर बदल दें। मच्छरों से काटने से बचना चाहिए। ऐसे कपड़े पहनें, जिससे पूरा शरीर ढका रहे, जिससे मच्छर काट न पाए।