कोविड 19 से जंग के लिए मानसिक रूप से मजबूत होना बेहद जरूरी
कोविड 19 से जंग के लिए मानसिक रूप से मजबूत होना बेहद जरूरी
ऋषिकेश- कोविड-19 संक्रमण की दस्तक के बाद देश और दुनिया की सोच ही नही जीवनशैली भी पूरी तरह से बदल गई है।यह बदलाव लोगों की मानसिक स्थिति को भी धीरे धीरे कमजोर बनाने लगे हैं।
कोरोना से जंग लड़ते लड़ते देश में पांच महीने हो गये हैं। लोग लगातार कोविड-19 से बचाव कर रहे हैं।पहले लोगों को लग रहा था कि थोड़े समय के बाद कोविड-19 खत्म हो जाएगा। लेकिन अब लोगो पर कोविड-19 का मानसिक दवाब भी पड़ने लगा है। लेकिन कोविड-19 से बचने के लिये मानसिक रूप से मजबूत रहना जरूरी है। तभी कोविड-19 से बचाव संभव है।निर्मल आश्रम अस्पताल के प्रशासक ब्रिकमजीत सिंह के अनुसार कोविड-19 के कारण मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा भी तेजी से उभरकर आया है। कोविड-19 ने लोगों की आदतें तो जरूर बदल दी हैं लेकिन एक बड़ा तबका तनाव के बीच जिंदगी जी रहा है। कोरोना काल में लोगों में अकेलेपन की भावना बढ़ रही है। कोरोना काल में जो लोग व्यस्त हैं उन पर तो उतना मानसिक दवाब नहीं हो रहा है। लेकिन घर में रहने वाले बच्चे और बुजुर्गों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है। अब उनमें घर पर रहने से अकेलापन महसूस होने लगा है। युवाओं में भी इन दिनों भविष्य की चिंता को लेकर मानसिक दवाब बढ़ रहा है।
आई एम ए के अध्यक्ष डॉ हरिओम प्रसाद ने बताया कि कोविड-19 से बचाव के उपाय लगातार करने होंगे। कुछ लोगों में मानसिक दवाब की भी समस्याएं भी सामने आ रही हैं। कोरोना काल के इन हालात से निपटने के लिए समय का सही इस्तेमाल करना चाहिए। उनके मुताबिक जिन विषयों में रूचि हैं उन पर किताबें पढ़नी चाहिए, घर में पेड़ और पौधों से भी सकारात्मकता का एहसास हो सकता है। वे कहते हैं साथ ही सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप पर आने वाली नकारात्मक चीजों को नजरअंदाज कर सकारात्मक चीजों को ही अपनाना चाहिए।
नगर के प्रमुख नेत्र रोग विशेषज्ञ व विभिन्न संगठनों से जुड़े डॉ राजे सिंह नेगी के अनुसार कोराना संकटकाल के बीच व्यापारी अपना व्यवसाय बचाने और नोकरी करने वाला व्यक्ति अपनी नौकरी बचाने की जद्दोजहद में मानसिक तनाव से ग्रस्त होता जा रहा है।इसलिये इसके लक्षणों को पहचानना होगा। लक्षणों को पहचानकर काउंसलर से संपर्क करना होगा या अपने किसी करीबी को अपनी समस्याओं के बारे में बताने की जरूरत है।