श्री राम मंदिर आंदोलन के संघर्षों से जन्मा “कृष्ण”

श्री राम मंदिर आंदोलन के संघर्षों से जन्मा “कृष्ण”

ऋषिकेश- 500 वर्ष के लंबे संघर्ष और अनेकों कुर्बानियों के बाद आज अयोध्या में श्री राम मंदिर का शिलान्यास हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन कर करोड़ों देशवासियों के सपनों को आज साकार किया। इन सबके बीच तीर्थ नगरी ऋषिकेश की बात करें तो श्री राम मंदिर के निर्माण के लिए यहां के संतों और हिंदू संगठनों के संघर्षों की दांस्ता भी बहुत लम्बी है।श्रीराम मंदिर आंदोलन में शहर के अनेकों लोगों ने बड़ा संघर्ष किया। जेल गए, लाठियां खाईं, मगर आंदोलन के लिए जो हुंकार भरी थी वो कम नहीं हुई। रामभक्त मानते हैं कि आज इसी का प्रतिफल है कि अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी जा रही है। तीर्थ नगरी के ऐसे आंदोलनकारी राज्य मंत्री कृष्ण सिंघल रहे हैं, जिन्होंने आंदोलन में बड़ी भूमिका अदा की। श्री राम मंदिर शिलान्यास के मौके पर पुराने संघर्षों को याद करते हुए जीएमवीएन के उपाध्यक्ष राज्य मंत्री कृष्ण सिंघल ने बताया कि वर्ष 1987 में माननीय अशोक सिंघल की प्रेरणा से माननीय विनय कटियार के सानिध्य में आयोजित हुई बैठक में उन्हें बजरंग दल का नगर संयोजक चुना गया था। उसके बाद हजारों लाखों राम भक्तों के साथ-साथ उन्होंने भी श्री राम मंदिर का सपना साकार करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया ।मुरादाबाद से पीतल के बिल्ले मंगवाए गए । पांच पांच ₹5 लेकर सदस्यता अभियान शुरू किया गया। श्री राम मंदिर के आंदोलन में उन्होंने अनेकों बार जेल जाकर लाठियां खाई, यातनाएं सही और परिवार से लम्बे अर्से तक दूर रहे।

राज्यमंत्री कृष्ण सिंघल की माने तो राम मंदिर को लेकर जो जुनून था उसका परिणाम यह हुआ कि पुलिस और पीएसी के पीछे होने के बावजूद उन्होंने कभी कदम पीछे नहीं खींचे।
उस दौरान गांव-गांव टोली बनाकर लोगों को जागरूक करने के लिए वह अपने वरिष्ठ सहयोगियों के साथ निकलते थे। उस दौर के शेर स्व लाला इन्द्रसेन अग्रवाल के नेतृत्व में स्वर्गीय जुगल किशोर कपूर ,स्वर्गीय कीमती लाल चावला ,स्वर्गीय राम प्रकाश कालड़ा ,विनोद शर्मा के साथ उन्होंने भी गिरफ्तारी दी। 11 वर्षों तक कोर्ट कचहरी में धक्के खाये।
लेकिन उन्हें गर्व है कि राम भक्तों की कुर्बानियों और अथक संघर्षों के बूते श्री राम मंदिर का सपना साकार होने जा रहा है। आज का दिन एक ऐतिहासिक दिन है जिसे सदैव याद रखा जाएगा।

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