रक्षाबंधन पर्व पर चिदानंद मुनि महाराज ने रूद्राभिषेक कर विश्व कल्याण की करी प्रार्थना

रक्षाबंधन पर्व पर चिदानंद मुनि महाराज ने रूद्राभिषेक कर विश्व कल्याण की करी प्रार्थना
ऋषिकेश-परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने देशवासियों को रक्षाबंधन की शुभकामनायें देते हुये कहा कि यह पहला रक्षाबंधन होगा जब कोविड-19 के कारण कई भाई-बहन एक-दूसरे के पास नहीं होंगे।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने रक्षाबंधन के पावन अवसर पर रूद्राभिषेक कर विश्व कल्याण की प्रार्थना की। साथ ही उन्होंने रूद्राक्ष के पौधे को रक्षासूत्र बांधकर प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।उन्होंने कहा कि आज के दिन बहनें अपने भाई के दायें हाथ पर राखी बाँधकर उनके माथे पर तिलक कर उनके दीर्घ आयु की कामना करती हैं और भाई, बहन की रक्षा का वचन देता है और सुख दुख में साथ रहने का विश्वास दिलाता हैं। यह एक ऐसा पावन पर्व है जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को पूरा आदर और सम्मान देता है।
भारतीय पर्व त्योहार और सभी परंपराएं किसी न किसी रूप में प्रकृति और पर्यावरण से ही जुड़ी हुई हैं। पर्वों और त्योहारों को हम प्रकृति के प्रतीक के रूप में मनाते है, रक्षाबंधन का पर्व भी उनमें से एक है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि अभी तक प्रकृति और पर्यावरण हमारी सुरक्षा करते आये हैं, पर अब प्रकृति का रक्षाबंधन करने का समय है। पेड़-पौधे हमें जीवन प्रदान करते हैं, प्राणवायु ऑक्सीजन देते हैं, इस दृष्टि से भी हमारा कर्तव्य बनता है कि हम पौधों का रोपण करें और उन्हें संरक्षण प्रदान करें। अब समय आ गया है कि बहन अपने भाई को राखी बांधने के पश्चात पूरा परिवार मिलकर वृक्षों को राखी बांधे और पर्यावरण की रक्षा का वचन ले।उन्होंने कहा कि ऐसे अनेक धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक उदाहरण हैं, जिसमें राखी का धागा धर्म और कर्म दोनों का निर्वहन करता है।