निर्धन रोगियों के लिए मसीहा बने डॉ मोबीन अहमद

निर्धन रोगियों के लिए मसीहा बने डॉ मोबीन अहमद
ऋषिकेश-निर्धन रोगियों के लिए मसीहा बने डॉक्टर मोबीन अहमद। धरती पर चिकित्सक को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है। जिंदगी और मौत के बीच जूझते रोगी और उसके तीमारदारों के लिए एक चिकित्सक ही भगवान होता है। हालांकि अब धरती पर भगवान कहे जाने वाले अधिकांश डॉक्टर भी अब चिकित्सा को सेवा नहीं पैशा मानने लगे हैं ।पैसों की अंधी दोड़ के बीच चिकित्सा भी एक बड़ा व्यवसाय बन चुकी है। इस मामले में तीर्थ नगरी भी कोई अपवाद नहीं रही है मामूली से बुखार आने पर भी एक गरीब आदमी को उपचार के लिए शहर के क्लीनिकों में कम से कम ₹500 का नोट ढीला करना पड़ जाता है। लेकिन वहीं दूसरी ओर तीर्थ नगरी ऋषिकेश में एक चिकित्सक ऐसा भी है जोकि गरीबों की सेवा में जुटा हुआ है। उसके लिए चिकित्सा पैसा कमाने का नहीं सिर्फ सेवा का माध्यम है।
जी हां हम बात कर रहे हैं ऋषिकेश के गंगानगर निवासी डॉ मोबीन अहमद की । पांच बहनों के इकलौते भाई मोबीन का जन्म तीर्थ नगरी मे ही हुआ। श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने वालेे मोबीन बचपन से ही शिक्षा में अव्वल रहे हैं।मोबीन के पिता लियाकत अंसारी ने साधारण परिवार के बावजूद अपन बेटे की प्रतिभा को देख उसके चिकित्सक बनने के सपने को साकार करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी । चिकित्सक बनने के बाद डॉ मोबीन ने अपनी जन्मभूमि को ही कर्मभूमि बनाया।फिलहाल वह शांति नगर क्षेत्र मे जीवन ज्योति क्लीनिक के माध्यम से रोगियों की सेवा मेंं जुटे हुए हैैंं।साथ ही ग्रामीणों की सेवा के लिए रानी पोखरी क्षेत्र में भी वह छोटे से क्लीनिक के माध्यम से रोगियों का उपचार करते हैं। डॉ मोबीन अहमद की माने तो उनक लिए चिकित्सा कभी व्यवसाय नही बन सकता। उन्होंने जीवन पर्यन्त गरीबों की सेवा का संकल्प लिया है और वह इसी मिशन पर जुटे हुए हैं।