नई शिक्षा नीति से सीमित विषयों की बाध्यता होगी समाप्त-विनोद जुगलान

नई शिक्षा नीति से सीमित विषयों की बाध्यता होगी समाप्त-विनोद जुगलान
ऋषिकेश-शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने नई शिक्षा नीति का स्वागत किया। करते हुए हरिद्वार सांसद और केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक का आभार जताया है।
न्यास के प्रान्त पर्यावरण प्रमुख पर्यावरणविद विनोद जुगलान विप्र ने कहा कि नई शिक्षा नीति से शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तनों के साथ युवाओं को न केवल अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा मिलेगी बल्कि छात्र-छात्राओं को अपनी क्षेत्रीय भाषाओं को पढ़ने का विकल्प खुले होने के साथ साथ अपने रुचिकर विषय पढ़ने का विकल्प भी खुल जायेगा।इस तरह सीमित विषयों की बाध्यताओं की समाप्ति से विद्यार्थीयों में अपनी मातृभाषा पढ़ने,संस्कृति को समझने के साथ ही राष्ट्रीयता के प्रति अपनेपन के बोध का विकास होगा।नई शिक्षा नीति से लम्बे समय से लम्बित प्रारम्भिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षण तक पर्यावरणीय शिक्षा को लागू किए जाने के विकल्प भी खुल गए हैं, जो कि पर्यावरण संरक्षण संवर्द्धन और जनचेतना हेतु सहायक सिद्ध होगा।कक्षा पाँच तक की शिक्षा मातृभाषा में आवश्यक किये जाने से बच्चों में मातृभाषा के प्रति अपनेपन का संवर्धन होगा।नई शिक्षा नीति से ज्ञान-विज्ञान के साथ-साथ विद्यालय संस्कारशाला के रूप में विकसित होंगे।इससे छात्र छात्राओं में अनुशासन और व्यक्तित्व का विकास होगा,रोजगार परक व्यवहारिक शिक्षा युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार अवसरों में प्रतिस्पर्धा की क्षमता भी विकसित होगी।उन्होने कहा कि उनकी ओर से शिक्षा मंत्रालय को देश में हरित पोषित विद्यालय विकसित करने और विद्यार्थियों में पर्यावरण चेतना लाने हेतु ग्रीन मार्क्स (हरित अंक) देने की व्यवस्था लागू करने की वर्ष 2019 में माँग की गई थी जो कि पूरी होने की उम्मीद दिखाई दे रही है।