नई शिक्षा नीति एक ऐतिहासिक फेसला-डॉ राजे नेगी

नई शिक्षा नीति एक ऐतिहासिक फेसला-डॉ राजे नेगी

ऋषिकेश-भारत सरकार द्वारा करीब तीन दशक बाद देश मे शैक्षणिक माहौल, शिक्षा की गुणवत्ता, रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु लायी गई नई शिक्षा नीति-2020 के तहत अब कक्षा पांच तक मातृभाषा एवं क्षेत्रीय भाषा बच्चों को पढ़ाये जाने के ऐतिहासिक फैसले पर शिक्षा एवं लोकभाषा के क्षेत्र में कार्यरत सामाजिक संस्था उड़ान फाउंडेशन ने हर्ष व्यक्त किया।

उड़ान फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ राजे सिंह नेगी ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में तैयार मसोदे के तहत अब सभी राज्यो द्वारा मातृ भाषा मे पढ़ाये जाने से क्षेत्रीय बोली- भाषा को बढ़ावा मिलने के साथ ही लोकभाषाओ का संरक्षण भी होगा। इसके साथ ही पांचवी कक्षा तक अंग्रेजी भाषा की अनिवार्यता समाप्त होने से देशभर मे अंग्रेजी शिक्षा माध्यम ग्रहण करने हेतु जारी दूरदराज एवं ग्रामीण क्षेत्रो से शहरी क्षेत्रों की और बढ़ते पलायन पर अब रोक लग सकेगी। समाजसेवी डॉ राजे सिंह नेगी ने राज्य सरकार से उत्तराखंड में बोले जाने वाली गढ़वाली,कुमाउँनी जौनसारी एवं भोटिया बोली-भाषा को राज्य भाषा का दर्जा यानी मानक प्रदान करने की अपील करते हुए कहा कि जल्द से जल्द हमारे प्रदेश की इन सभी बोलियों को केंद्र में भाषा की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए जिससे की केंद्र द्वारा लायी गयी नई शिक्षा नीति के तहत क्षेत्रीय भाषा पढ़ाये एवं सिखाये जाने का लाभ पूर्ण रूप से राज्य के स्कूली बच्चो को मिल सके।

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