कोरोना की मार और चीन की तकरार ने ठंडा किया राखी का बाजार

कोरोना की मार और चीन की तकरार ने ठंडा किया राखी का बाजार
ऋषिकेश-कोराना की मार और चीन से तकरार ने राखी के बाजार को पूरी तरह से ठंडा कर दिया है।
तीर्थ नगरी ऋषिकेश के बाजारों में राखी की दुकानें सजी हुई हैं लेकिन इस वर्ष राखी की खरीदारी के लिए बाजारों में उमड़ने वाली भीड़ गायब है। बाजारों में संक्रमण के डर और चाईनीज राखी के विरोध की वजह से महिलाएं बाहर निकलने को तैयार नही हैं।अधिकांश घरों में बहनें अपने भाईयों के लिए खुद ही राखी तैयार कर रही हैं।कोरोना के कारण बेशक रिश्तेदार और दोस्त दूर हो चुके हैं,लोगों ने एक दूसरे के घरों में आना-जाना बंद कर दिया है। बाजारों में जरूरत का सामान लेने वाले ही दिख रहे हैं।
इस बार रक्षाबंधन भले ही संक्रमण की चुनाैतियाें के बीच मने लेकिन बहनाें की राखियाें के रंग अनूठे ही हाेंगे। संक्रमण ने हर जगह तालाबंदी की नाैबत ला दी हाे लेकिन भाई बहन के प्रेम के पर्व काे मनाने की तैयारियां घर-घर में चल रही हैं।इस बार का रक्षाबंधन खास होगा क्योंकि बहनें अपने भाइयों की कलाई के लिए रक्षासूत्र खुद तैयार कर रही हैं।स्कूल बंद होने की वजह से इस समय बच्चियां घर पर ही हैं। इस समय का सदुपयोग करते हुए वे अपने भाइयों के लिए घरों पर ही राखी बना रही हैं।इसका जबरदस्त असर बाजार पर पड़ा है।सूपर मार्केट में मन्नत ब्यूटी पैलेस की दुकान चलाने वाले विशाल कक्कड़ ने बताया कि
रक्षाबंधन पर्व को तीन ही दिन शेष बचे हैं लेकिन इसके बावजूद बाजारों में पर्व को लेकर किसी तरह का कोई उत्साह नही देखने को मिल रहा।कोराना की मार और चाईनीज राखी के विरोध का असर राखी की सैल पर दिखाई दे रहा है।तिलक रोड़ स्थित पंजाबी क्वाटरों में वर्षों से रक्षाबंधन पर्व पर राखी की दुकान लगाने वाले प्रिंस मनंचदा के अनुसार इस वर्ष राखी की बिक्री मे विगत वर्षों के मुताबिक जबरदस्त गिरावट है।हांलाकि उन्हें उम्मीद है कि अगले दो दिनों में महिलाएं घरों से निकलेंंगी और इसका असर राखी की बिक्री पर भी जरूर पड़ेगा।