ऋषिकेश महाविद्यालय मे आयोजित हुआ अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार

ऋषिकेश महाविद्यालय मे आयोजित हुआ अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार

ऋषिकेश- पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग के तत्वावधान मे अंतरराष्ट्रीय वेबिनार आयोजित हुआ, जिसमें कोरोना वायरस की जागरूकता विषय पर अतिथि विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की गई।
अंतरराष्ट्रीय वेविनार में बतौर मुख्य अतिथि प्रो पी पी ध्यानी, कुलपति श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, विशिष्ट अतिथि प्रो एन पी माहेश्वरी पूर्व निदेशक उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड व लगभग 28 उत्तराखंड के डिग्री, व पी जी कॉलेज के प्राचार्य भी जुड़े और कोविड 19 से बचाव पर प्रकाश डाला।
डॉ अंजू भट्ट एवं सुश्री सफ़िया हसन के संचालन मे आयोजित वेबिनार में बतौर मुख्य वक्ता प्रो कैरोलिन हाइसिंग, औद्योगिक और विनिर्माण प्रणाली इंजीनियरिंग विभाग, आईओडब्ल्यूएI स्टेट यूनिवर्सिटी यू एस ए डॉ राम शर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर और अंग्रेजी विभाग के प्रमुख, जे०वी० कॉलेज, बागपत ,
डॉ संतोष कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर सामुदायिक और पारिवारिक चिकित्सा विभाग, एम्स (ऋषिकेश)।
डॉ नरोत्तम शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक और हेड, डीएनए लैब (देहरादून) शामिल हुए।

वेबिनार का शुभारंभ भारतीय संस्कृति के अनुसार डॉ दयाधर दीक्षित के वेद मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। उसके बाद वेबिनार के आयोजन सचिव प्रो गुलशन कुमार ढींगरा ने कार्यक्रम की रुपरेखा व कॉलेज की उपलब्धि पर प्रकाश डाला व सभी अतिथियों व वक्ताओ का परिचय दिया।महाविद्यालय की प्राचार्या व वेबिनार की संरक्षक प्रो सुधा भारद्धाज द्वारा स्वागत उद्बोधन किया गया।उन्होंने आयोजन सचिव प्रो ढींगरा को इस तरह के आयोजन हेतु बधाई भी दी।
मुख्य अतिथि प्रो ध्यानी द्वारा महाविद्यालय व मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग को वेबिनार आयोजन हेतु शुभकामनाएं दी गई। उन्होंने विश्व मे कोरोना के वर्तमान तथ्यों व आँकड़ो पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि कोविड 19 से कई सकारात्मक व नकारात्मक तथ्य जुड़े हैं ।
प्रथम सेशन में डॉ राम शर्मा ने बताया कि यह बीमारी केवल मानव की देन है। अर्थात कृत्रिम मानव जनित रोग है जिसे प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर इस प्रकार की समस्याओं से बचा जा सकता है ।
एम्स ऋषिकेश के डॉ संतोष कुमार ने बताया कि कोरोना को लेकर हमारे बीच गलत कई धारणाएं हैं। उन्होने मास्क की उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया तथा सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने किंतु सामाजिक रहने पर जोर दिया।
द्वितीय सेशन में डॉक्टर कैरोलिन ने आयुर्वेद तथा भारतीय जीवन शैली को अपनाते हुए कोरोना से लड़ने पर प्रकाश डाला तथा योग व प्राणायाम की उपयोगिता के बारे में बताया।उन्होंने बताया की अमेरिका में कोरोना की वैक्सीन निर्माण में तीव्र गति से कार्य चल रहा है जिसकी प्रोसेस को उन्होंने विस्तार से समझाया तथा अमेरिका तथा भारत के कोरोना से मंदी तथ्यों एवं आंकड़ों पर विस्तार से समझाया।
वेबिनार के अंत में डीएनए लैब के वैज्ञानिक डॉक्टर नरोत्तम शर्मा ने छात्रों को कोरोना टेस्टिंग व रैपिड टेस्ट, लैब टेस्ट आदि के बारे में समझाया।उन्होंने पीसीआर मशीन पर लाइव डेमोंसट्रेशन कर प्रैक्टिकल की बारीकियां समझाई व छात्रों को मेडिकल फील्ड में आने को प्रेरित किया जिससे चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति लाई जा सके।
वनस्पति विज्ञान विभाग की प्रभारी प्रोफेसर सुषमा गुप्ता ने सभी वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया एवं उनके द्वारा दिए गए सुझाव एवं चर्चा के मुख्य बिंदु पर प्रकाश डाला।पूर्व निदेशक उच्च शिक्षा विभाग प्रोफ़ेसर एनपी माहेश्वरी ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग एवं सैनिटाइजेशन ही एक मुख्य तरीका है जिससे कोरोना से बचा जा सकता है ।
वेबिनार में 18 राज्यों से लगभग 400 से अधिक प्रतिभागी जुड़े थे, जिन्होंने अपने अपने सवाल पूछ कर वक्ताओं से बात की। वेबिनार के सफल आयोजन मे एमएलटी विभाग की शालिनी कोटियाल,अर्जुन पालीवाल देवेंद्र भट्ट पवन कुमार विवेक राजभर आदि का उल्लेखनीय सहयोग रहा।

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