हस्त निर्मित राखियों को लेकर प्रेरणा बना मैत्री संगठन

हस्त निर्मित राखियों को लेकर प्रेरणा बना मैत्री संगठन
ऋषिकेश-मैत्री संस्था की अध्यक्ष कुसुम ने महिलाओं से रक्षाबंधन पर्व पर हस्तनिर्मित राखी से अपने भाई की कलाई को सुशोभित करने का आह्वान किया है।
चीन के साथ बन रहे युद्व जैसे माहौल और चीनी माल के बहिष्कार के अभियान को आगे बड़ाते हुए इस रक्षाबंधन पर मैत्री संस्था ने चीन निर्मित राखियों का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। संस्था से जुड़ी महिलाएं दिनरात स्वयं हस्त निर्मित राखियां तैयार करने मे जुटी हुई हैं। गौरतलब है कि
रक्षाबंधन सहित तमाम त्योहारों पर चीन निर्मित सामग्रियों की बिक्री होती है। रक्षाबंधन पर भी चीन निर्मित राखियां बाजार में पहुंच आती है। लेकिन इस वर्ष हालात जुदा हैं जहां रखी व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों ने चाइना मेड राखियों का बहिष्कार कर रखा है वहीं दूसरी ओर महिलाओं ने भी प्रण कर लिया कि अपने भाइयों के हाथों को स्वयं निर्मित राखियों से ही सुशोभित करेंगी। मैत्री संस्था खासतौर पर इस अभियान को परवान चड़ाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।संस्था की अध्यक्ष कुसुम जोशी जहां एक और महिलाओं को चाईना की राखियों के बहिष्कार के लिए प्रेरित कर रही हैं वही उनके द्वारा
राखी निर्माण का कार्य भी शुरू किया गया है ।उन्होंने बताया कि मैत्री संस्था ने बच्चो की मदद से घर में ही राखी बनाने का अभियान शुरू किया है जिसमें फूलों, कलावा ,सुपारी का इस्तेमान किया जा रहा है। अभियान मे शीतल भट्ट ,नंदनी जोशी, गीता मलिक, शुभम जोशी, सिमरन मलिक आदि उल्लेखनीय सहयोग दे रही हैं।