नाग पंचमी भारत का अद्भुत और अनूठा पर्व-स्वामी चिदानंद सरस्वती

नाग पंचमी भारत का अद्भुत और अनूठा पर्व-स्वामी चिदानंद सरस्वती
ऋषिकेश- नाग पंचमी की पूर्व संध्या पर देशवासियों को नागपंचमी की शुभकामनायें देेते हुये परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि ’’नाग पंचमी का पर्व बहुत ही अद्भुत एवं अनूठा पर्व है। श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है ।इस दिन सर्पों की पूजा की जाती है। भारत, आदिकाल से ही प्रकृति का उपासक राष्ट्र है। यहां पर 365 दिन में 700 से अधिक पर्व मनाये जाते हैं और प्रत्येक पर्व के साथ एक दिव्य संदेश होता है।’’
नागपंचमी के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने परमार्थ प्रांगण में चंदन का पौधा रोपित कर प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया।
उन्होंने कहा कि ऋषियों ने हमारे पर्वों को प्रकृति से जोड़ा तथा संदेश दिया कि प्रकृति हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। भविष्यपुराण, अग्नि पुराण, स्कंद पुराण, नारद पुराण और महाभारत में नागों की उत्पति और नाग पूजा का वर्णन मिलता है। भारत, नेपाल सहित दुनिया के कई अन्य देशों की प्राचीन संस्कृतियों में सांपों की पूजा की जाती है। भारत में नाग पंचमी सिंधु घाटी सभ्यता के समय से मनायी जाती है यह पर्व नागा जनजाति में प्रमुखता से मनाया जाता है।