खदरी श्यामपुर में आतंक का पर्याय बने बंदर

खदरी श्यामपुर में आतंक का पर्याय बने बंदर

ऋषिकेश-श्यामपुर न्याय पँचायत के गाँव श्यामपुर और खदरी खड़क माफ में आजकल बंदर आतंक का पर्याय बन चुके हैं।शहर के बाद अब बंदरों का आतंक ग्रामीण क्षेत्र तक पहुँच चुका है।खड़क माफ के दिल्ली फार्म स्थानीय निवासी पूर्व प्रोफेसर डॉ कर्ण सिंह राणा का कहना है कि ये बंदरों ने उनके आम के बगीचे को अपना स्थायी ठिकाना बना लिया है।बन्दरों के ये झुण्ड उनके घरों के आसपास आतंक मचाये हुए हैं। ये बन्दर न केवल बागबागीचों और फूलवाड़ी को नष्ट कर रहे हैं बल्कि घरों के बाहर सूखरहे कपड़ों को भी फाड़ रहे हैं।भगाने की कोशिश करने पर बन्दरों का झुण्ड हमला बोल देता है।इससे न केवल रैबीज होने का खतरा है बल्कि इनके हमले से सड़क दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी प्रबल हो रही हैं।उन्होंने देहरादून वनप्रभाग के नमामि गंगे जिला क्रियान्वयन समिति के सदस्य पर्यावरणविद विनोद जुगलान को सूचित कर वन क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश से ग्रामीण क्षेत्र में भय और आतंक का पर्याय बन चुके इन बंदरों से निजात दिलाने की माँग की है।पर्यावरणविद विनोद जुगलान का कहना है कि मानवीय आबादी बढ़ने के साथ-साथ वन्यजीवों की सँख्या में भी लगातार बृद्धि हो रही है।विकास कार्यों के लिए बड़ी सँख्या में पेड़ों के कटान से न केवल जंगल कम हो रहे है बल्कि जँगलों में फलदार पेड़ों की सँख्या घट रही है।एक ओर धार्मिक आस्था से जुड़े होने के कारण सरकारी आदेशों के बाद भी बंदरों को नहीं मारा जा सकता है तो दूसरी ओर सरकारी आदेशों के बाद भी लोग धार्मिक भावनाओं के कारण सड़कों के किनारे बन्दरों के लिए केले आम और गुड़-चना,ब्रेड, रोटी आदि फेंक देते हैं।आसानी से भोजन सुलभ होने के कारण बन्दरों को जँगल में रहने की आदत कम हो रही है।लॉक डाउन के कारण लोगों की आवाजाही कम होने के कारण बन्दरों को सड़क किनारे आसानी से भोजन कम मिल रहा है परिणामस्वरूप ये बंदर न केवल शहरी इलाकों में बल्कि अब ग्रामीण क्षेत्र में भी प्रवेश कर गए हैं।इससे स्थानीय जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।बन्दरों की समस्या से निबटने के लिए वनाधिकारियों से वार्ता कर शीघ्र योजना बनाई जाएगी।

क्या कहते हैं वनाधिकारी

बंदरों के आतंक की समस्या को लेकर वनक्षेत्राधिकारी ऋषिकेश एमएस रावत का कहना है कि क्षेत्र में बंदरों की समस्या पहले नगर क्षेत्र में थी जिसको लेकर बन्दर पकड़ने के लिए एक्सपर्ट टीम बुलाकर मुहिम चलाई गई थी,किन्तु लॉक डाउन के कारण अभियान बाधित हो गया था अब बंदरों की समस्या ग्रामीण क्षेत्र तक पहुँचने की खबर मिली है।इस पर शीघ्र विचार कर समस्या के निदान के उपाय किये जायेंगे।फौरी तौर पर बंदरों से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की जाएगी।ग्रामीणों ने बन्दरों से निजात की माँग की है।जिनमें ग्राम प्रधान श्यामपुर विजेंद्र सिंह जेठूडी,ग्राम प्रधान खैरी चन्द्र मोहन पोखरियाल, गुमानिवाला के उप प्रधान राजेश व्यास, रमेश चंद्र व्यास,डॉ के एस राणा,देवी प्रसाद भट्ट,पूर्व उपप्रधान सत्य पाल नेगी,महावीर उपाध्याय,डॉ डीपी बलोधी,एडवोकेट उमेश ममगाईं आदि प्रमुख है।

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