उत्तराखंड में मदिरालयों की जगह मंदिरों को खोला जाए -ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी

उत्तराखंड में मदिरालयों की जगह मंदिरों को खोला जाए -ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी

ऋषिकेश -जयराम आश्रम के परमाअध्यक्ष ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने हर की पैड़ी पर गिरी आकाशीय बिजली को प्रकृति के प्रकोप की जगह राज्य व केंद्र सरकार की गलत नीतियों का परिणाम बताते हुए कहा, कि सरकार गंगा जी पर आने वाले श्रद्धालुओं के गंगा स्नान पर रोक लगाए ,जाने के साथ मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा की जाने वाली पूजा पर जहां रोक लगा रही है ।वहीं देवभूमि उत्तराखंड में जगह-जगह मंदिरों के स्थान पर मदिरालय खोले जाने की छूट देकर इसे अपवित्र करने पर लगी है ।

ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने केंद्र व राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि दोनों सरकारें इस समय देश और प्रदेश हित को छोड़कर वोटों की राजनीति के चलते देश की जनता को गुमराह कर रही है, उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान राज्य सरकार को सामाजिक 2 गज की दूरी का पालन कराते हुए गंगा स्नान व मंदिरों में पूजा का अधिकार श्रद्धालुओं को दिया जाना चाहिए, जिससे उनकी श्रद्धा भी बनी रहेगी। और कोरोना वायरस के कारण बेरोजगार हुए पंडितों, पंडों, पुरोहितों, को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा देवभूमि उत्तराखंड में खोले गए मदिरालयों में जहां लंबी लंबी लाइनें लगी है , वहां तो कोरोना संक्रमण नहीं फैल रहा है लेकिन सरकार की दृष्टि में गंगा स्नान किया जाना व मंदिरों में पूजा के लिए लगने वाली लाइनों में कोराना संक्रमण फैलने का भय दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा की ब्रज में संकट काल के दौरान पूरी नगरी की जनता जब अपने इष्ट देवता की शरण में गई, तो उन्हें उस संकट से मुक्ति मिली ,अगर यहां के मंदिरों को भी खोला जाएगा ।तो वहां जाकर लोगों पर आने वाला संकट स्वत: समाप्त हो जाएगा। ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकट काल की घड़ी में देश की जनता से घंटा घड़ियाल बजवा कर सनातन धर्म का लॉजिक समझाते हुए आह्वान किया था। जिसका सभी ने 2 गज की दूरी के नियमों का पालन करते हुए पूरी तरह पालन भी किया ,इसी प्रकार मंदिरों और धार्मिक स्थलों को भी संकट काल के दौरान खोला जाना उचित रहेगा।

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