गौशालाओं पर आए दिशानिर्देशों को लेकर संतो में रोष

गौशालाओं पर आए दिशानिर्देशों को लेकर संतो में रोष

ऋषिकेश-अखिल भारतीय संत समिति की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष जगद्गुरु स्वामी कृष्णाचार्य महाराज ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा गौशालाओं के संबंध में जारी दिशानिर्देशों पर रोष प्रकट करते हुए कहा कि ये दिशानिर्देश सनातन परंपरा के बिल्कुल विपरीत हैं।जिस संस्कृति में गौ को माँ का दर्जा प्राप्त है उस गाय का संरक्षण करने वाली गौशाला को शहर की सीमा से बाहर करना अनुचित ही नही असहनीय है।जो सरकार गाय और गंगा के संरक्षण की बात करती है उसके द्वारा ऐसे दिशानिर्देश उसकी दोहरी मानसिकता को प्रकट करते हैं। शनिवार को संतो ने कृष्णनाद गौशाला कृष्णा कुंज आश्रम में प्रदर्शन कर रोष व्यक्त किया ।

नगर अध्यक्ष स्वामी गोपालाचार्य ने कहा कि राष्ट्र के संतों का मुख्य उद्देश्य गौ सेवा, संरक्षण एवं संवर्धन है।इसकी पूर्ति के लिए प्रायः सभी आश्रमों में गौशाला संचालित होती है। नए दिशा निर्देशों के अनुसार अब कोई भी गौशाला आवासीय क्षेत्र में प्रतिबंधित रहेगी, अतः आश्रमों में गौ सेवा संभव नही हो पाएगी। ये दिशा निर्देश भारतीय संस्कृति पर कठोराघात है। गौ का संरक्षण का दावा करने वाली सरकार क्या आवासीय क्षेत्र के बाहर गौशाला के लिए जमीन मुहैया कराएगी। सरकार को यदि वास्तव में गौ संरक्षण करना है तो आवारा गौ वंश के विषय मे विचार करे। ये दिशा निर्देश अव्यवहारिक ही नही अस्वीकार्य हैं।
गाय का गोवर एवं गोमूत्र किसी भी प्रकार से प्रदूषण को बढ़ाने वाला नही है बल्कि प्रकृति के अनुकूल एवं औषधीय पूर्ण है। फिर भी गौशालाओं द्वारा गोवर एवं गोमूत्र के निस्तारण की पूर्ण व्यवस्था की जाती है।यदि गोवर निस्तारण में कोई कमी होती है तो उसके लिए गौशाला संचालक जिम्मेदार है। स्वामी वृन्दावन दास ने कहा कि ये दिशानिर्देश यदि शीघ्र संशोधित नही हुए तो संतों के मार्गदर्शन में राष्ट्र व्यापी आंदोलन होगा जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
बैठक में स्वामी अनंताचार्य महाराज, स्वामी गोविंद दास महाराज, स्वामी रामकृपालु महाराज, स्वामी धर्मानंद महाराज, स्वामी गोपाल गिरी महाराज, स्वामी अखंडानंद महाराज, कपिल मुनि, लोकेश दास , रवि शास्त्री, अभिषेक शर्मा, रमाकान्त भररद्वाज, दीपक बढ़ानी, गोपाल बाबा ,स्वामी कृष्णानंद महाराज आदि उपस्थित रहे।

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