हरेला पर्व के दौरान ही रेलवे रोड़ पर हरे भरे पेड़ पर चली “आरियां”

हरेला पर्व के दौरान ही रेलवे रोड़ पर हरे भरे पेड़ पर चली “आरियां”
ऋषिकेश- हरेला पर्व पर तीर्थ नगरी ऋषिकेश में जहां
पौधरोपण की धूम रही वहीं दूसरी ओर विकास के नाम पर रेलवे रोड पर आज एक वर्षों पुराने पेड़ पर आरी चला चला दी गई।वृहस्पतिवार को लोक संस्कृति से जुड़े हरेला पर्व पर धर्मनगरी मेंं हरियाली की सुनहरी तस्वीर की ख्वाहिश थी। पौधरोपण तो हुआ, लेकिन विकास के नाम पर हरियाली पर आरी चलना भी नही रुका।
विडम्बना देखिए रेलवे रोड़ पर करीब चार दशक पुराने पेड़ पर आ अआरियां चलाने के लिए दिन भी वह मुकर्रर किया गया जिस दिन समूचे उत्तराखंड में हरेला पर्व पर पौधारोपण किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि यहां सड़क का चौड़ीकरण किया जाना है जिसको लेकर इस हरे भरे पेड़ पर आरियां चला दी गई। इसी कड़ी में अगले महीने हरिद्वार रोड पर चिन्हित किए जा चुके तेरह पेड़ों जिनमें अधिकांश पेड़ पीपल के सैकड़ों वर्ष पुराने हैं उन पर सड़क के चौड़ीकरण अभियान के तहत आरियां चलाई जानी है जिसकी तमाम कवायद पूर्ण की जा रही हैं।उधर पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि इन पेड़ों को काटा जाना निंदनीय है। लोगों को ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने के लिए सरकार प्रेरित करती है लेकिन यहां सरकार हीं पेड़ों को काट रही है। उन पेड़ों को जो युवावस्था में थे अभी कई साल और जिन की हरियाली और छांव में लोगों ने बैठना था। स्थानीय लोगों का कहना है कि विकास होना अच्छी बात है लेकिन विकास के नाम पर हरे भरे पेड़ों को काटना बहुत गलत है।