श्री भरत मंदिर के महंत अशोक प्रपन्नाचार्य जी महाराज का अकास्मिक निधन,शौक मैं डूबी तीर्थ नगरी

श्री भरत मंदिर के महंत अशोक प्रपन्नाचार्य जी महाराज का अकास्मिक निधन,शौक मैं डूबी तीर्थ नगरी

ऋषिकेश- श्री भरत मन्दिर के महन्त अशोक प्रपन्नाचार्य जी महाराज का आज अकास्मिक निधन हो गया।वह करीब 78 वर्ष के थे।उनके निधन की सूचना से तीर्थ नगरी मै शौक की लहर दोड़ गई।उनके निधन पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, मेयर अनिता ममगाई सहित शहर की विभिन्न सामाजिक, व्यापारिक संस्थाओं एवं राजनैतिक दलों से जुड़े लोगों ने भरत मंदिर परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना जताई है।स्वर्गीय मंहन्त अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए ।उनके दो पुत्र वत्सल शर्मा व वरुण शर्मा भी सामाजिक,शिक्षण संस्थाओं व धार्मिक संस्थाओं के संचालन व संवर्धन में सक्रिय हैं परिवार से मिली जानकारी के अनुसार स्व० मंहन्त जी विगत कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे।आज सुबह उन्होंने अतिंम सांस ली और इस नश्वर शरीर को त्याग दिया।
10 फ़रवरी 1942 को ऋषिकेश में श्री ज्योति प्रसाद शर्मा के परिवार में जन्में अशोक प्रपन्नाचार्य सबसे बड़े पुत्र थे ।उनसे बड़ी एक बहन व छोटी बहन व छोटे भाई हर्षवर्धन शर्मा हैं। उनके दादा पुराण प्रसिद्ध श्री भरत मन्दिर के गद्दी नसीन मंहन्त स्व० परशुराम जी महाराज जोकि नगर पालिका परिषद ऋषिकेश के प्रथम अध्यक्ष भी रहे हैं।उनके पश्चात स्व०अशोक प्रपन्नाचार्य जी महाराज श्री भरत मन्दिर ऋषिकेश की गद्दी में वर्ष 1956 में शुषोभित हुए। श्री भरत मन्दिर द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज,श्री भरत मन्दिर संस्कृत महाविद्यालय, ज्योति विशेष विद्यालय के साथ ही उत्तराखंड एवं अन्य स्थानों की धार्मिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं के संचालन व संवर्द्धन में उनकी सराहनीय भूमिका रही। श्री भरत मंदिर एजुकेशन सोसाइटी व शिक्षण संस्थाओं के वह संचालक मंडल के अध्यक्ष पद पर सुशोभित रहे । पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, शान्तिप्रपन्न शर्मा राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश व कई अन्य संस्थाओं को वृहत्तर भूखंड प्रदान कर क्षेत्र के युवाओं के लिए उच्च शिक्षा प्रवेश द्वार खोलने वाले स्व महंत का नगरीय क्षेत्र के साथ गढ़वाल के नागरिकों की स्वास्थ्य सुविधाओं के संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान रहा।
वर्ष 1962 के भारत चीन युद्ध में भारतीय सेनाओं को शिविर कैम्प संचालित करने के लिये स्व० मंहन्त अशोक प्रपन्नाचार्य ने श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज के विशाल प्रांगढ को प्रदान करने के साथ ही रायवाला में सेना को छावनी बनाने का सुझाव प्रदान किया था।
स्वाधीनता संग्राम में भी श्री भरत मंदिर परिवार का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।महंत श्री अशोक प्रपन्नाचार्य के चाचा स्वर्गीय श्री शान्ति प्रपन्न शर्मा कई वर्षों तक उत्तर प्रदेश विधानसभा में क्षेत्र से कई बार विधायक व उत्तर प्रदेश सरकार में परिवहन, उद्योग व ऊर्जा मंत्री पद पर रहे व ऋषिकेश में आईडीपीएल की स्थापना का सुझाव तत्कालीन केन्द्र सरकार को उनके द्वारा ही प्रदान किया गया था ।स्वर्गीय मंहन्त अशोक प्रपन्न शर्मा छोटे भाई हर्षवर्धन शर्मा क्षेत्र के सार्वजनिक,सामाजिक सेवा जीवन के साथ शिक्षण संस्थाओं के संचालन में प्रबंधकीय व्यवस्था देखते हैं।
उत्तरकाशी भूकंप,केदारनाथ आपदा व कोरोना महामारी में लॉक डाउन के दौरान स्व० मंहन्त जी व उनके परिवार द्वारा राहत कार्यों में बड़े स्तर पर सहायता प्रदान की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: