पॉलिटेक्निक संस्थान की बाढ़ से सुरक्षा को तटबन्ध का कार्य शुरू

पॉलिटेक्निक संस्थान की बाढ़ से सुरक्षा को तटबन्ध का कार्य शुरू
ऋषिकेश-ग्राम सभा खदरी खड़क माफ की सीमा पर स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान गढ़ी श्यामपुर के बाढ़ से सुरक्षा को वर्षो से लम्बित पड़ी माँग पूरी होने जा रही है।यह जानकारी देते हुए संस्थान के पर्यावरण संरक्षक समाज सेवी विनोद जुगलान विप्र ने बताया कि 11 एकड़ भूमि पर बने राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान की वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा के कारण आई बाढ़ से न केवल चहारदीवारी ढह गई थी बल्कि परिसर के अंदर गंगाजी के जलस्तर बढ़ने से बाढ़ के पानी के साथ बड़ी मात्रा में मलवा भर गया था,जिसके पश्चात संस्थान को फ्लड जोन में रखा गया था और बर्षात में जलस्तर वृद्धि के कारण बाढ़ का खतरा बना हुआ था।
इस आशय की सूचना संस्थान प्रसाशन द्वारा निदेशालय को कई बार दी गयी लेकिन कोई निर्णय न निकल पाने के कारण विद्यालय के पर्यावरण संरक्षक समाज सेवी विनोद जुगलान ने गत वर्ष सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई।साथ ही मई 2020 में तत्कालीन जिलाविकास अधिकारी प्रदीप पाण्डेय के माध्यम से जिलाधिकारी देहरादून से बाढ़ सुरक्षा तबन्ध बनवाने का आग्रह किया।मामले की गंभीरता को लेते हुए जिलाधिकारी देहरादून द्वारा मनरेगा अंतर्गत सुरक्षा तटबन्ध बनाने की संस्तुति प्रदान की गई।बुधवार की सुबह ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम प्रधान संगीता थपलियाल की देखरेख में संस्थान की सीमा पर जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में सुरक्षा तटबन्ध का कार्य शुरू दिया गया है।युवा क्षेत्र पँचायत सदस्य श्रीकान्त रतूड़ी ने बताया कि कुल 70 मीटर लम्बे और सात फिट ऊंचे सुरक्षा तटबन्ध का निर्माण किया जा रहा है।जिसकी अनुमानित लागत पाँच लाख होगी इसमें लगभग एक हजार मानव दिवस सृजित होने की संभावना है।इससे स्थानीय युवाओं सहित महिलाओं को रोजगार प्राप्त होगा।गौरतलब है कि इससे पूर्व गंगा जी की बाढ़ से सुरक्षा को वनविभाग द्वारा 35 मीटर तार जाल लगाया गया है।अब मौके पर बृहद सुरक्षा तटबन्ध के निर्माण से संस्थान को बाढ़ से पूर्ण रूप से सुरक्षा हो सकेगी।मौके पर ग्राम प्रधान संगीता थपलियाल के अतिरिक्त ग्राम विकास अधिकारी कीर्तन बुटोला,समाजसेवी पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष शान्तिथपलियाल,पँचायत सदस्य जीत राम,हरि सिंह,सुनील चंदोला,प्रकाश रतूड़ी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।