कोविड 19 ने तबाह की खरीफ की फसल ,झलक रही मजदूरों की कमी

कोविड 19 ने तबाह की खरीफ की फसल ,झलक रही मजदूरों की कमी

ऋषिकेश-विकास खण्ड डोईवाला अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र ऋषिकेश की श्यामपुर न्याय पँचायत में ग्राम सभा खदरी खड़क माफ सहित 16 गाँवों में इस बार कोविड 19 का प्रभाव साफ दिख रहा है।प्रवासी मजदूर लॉक डाउन अवधि में काम न मिलने के कारण अपने मूल स्थानों को लौट गये

परिणामस्वरूप अब खेती करने वाले ग्रामीण किसानों को धान रोपाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं।ग्राम सभा खड़क माफ में ग्राम पंचायत ने स्थानीयों की मदद से मनरेगा अंतर्गत कार्य कर सिंचाई नहर का पुनर्निर्माण किया।बताते चलें कि जिला विकास अधिकारी द्वारा सिंचाई नहर की ठाकुर पुर की सीमा से लेकर खादर तक गूल निर्माण हेतु नौ लाख पिचासी हजार रुपये की मनरेगा अंतर्गत संस्तुति प्रदान की गई थी।ग्रामीणों द्वारा गूल के पुनर्निर्माण के बाद खदरी के खादर क्षेत्र में पानी आने के साथ ही ग्रामीणों ने विधिवत भूमिया देवता की पूजा अर्चना कर रोट प्रशाद चढ़ा कर धान रोपाई का कार्य प्रारंभ किया।धान रोपाई हेतु मजदूरों की कमी के कारण स्थानीय ग्रामीण महिलाएँ जिनमें जनप्रतिनिधियों सहित उच्च शिक्षित महिलाएं भी सम्मिलित हैं स्वयं ही रोपाई करने में जुट गई हैं।स्थानीय कृषक मोहर सिंह ने बताया कि पानी की देर से हुई उपलब्धता के कारण रोपाई दस दिन देरी से हो रही है वहीं प्रवासी मजदूरों के अपने अपने राज्यों को लौट जाने के कारण ग्रामीण महिलाएं स्वयं खेतो में कार्य कर रही हैं।शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रांत पर्यावरण प्रमुख और पर्यावरण मामलों के जानकार स्थानीय कृषक विनोद जुगलान का मानना है कि कुछ समय देर से होने वाली रोपाई से फसल पर कोई नकारात्मक प्रभाव नही पड़ता है बल्कि मानसून के प्रारंभ होने के साथ ही फसल के लिए पानी की कम आवश्यकता होगी जो कि किसानों सहित पर्यावरण के लिए हितकर बात है।

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