पेट्रोलियम प्रदार्थों में मूल्यवृद्धि से मोदी सरकार के खिलाफ आक्रोश

पेट्रोलियम प्रदार्थों में मूल्यवृद्धि से मोदी सरकार के खिलाफ आक्रोश

ऋषिकेश- कोरोना संकट से जूझ रहे देशवासियों को राहत देने के बजाए केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोलियम पदार्थों में लगातार की जा रही वृद्धि से आम जनमानस में जबरदस्त आक्रोश का माहौल है।

देश में लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दाम के कारण आम जनता पर बोझ बढ़ता जा रहा है। लॉकडाउन में कई लोगों ने अपनी नौकरी गवां दी। ऐसे में लोगों का घर चलना भी मुश्किल हो रहा है। सरकार ने पिछले कई दिनों से पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी कर रही है। इसको देखते हुए जहां देशभर के साथ ऋषिकेश में कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर मुखर होकर प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं व्यापारी हो या आम आदमी केन्द्र सरकार द्वारा लगातार प्रेटोलियम प्रदार्थों में की जा रही मूल्यवृद्धि से जबरदस्त गुस्से में है। कांग्रेस नेता दिनेश भट्ट ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण लॉकडाउन में काम धंधे बंद होने के बाद लोगों की नौकरी चली गई। उधर सरकार पिछले कई दिनों से पेट्रोल- डीजल के दामों में बढ़ोतरी कर के लोगों के साथ अन्‍याय करने में तुली हुई है।व्यापारी नेता हर्षित गुप्ता ने आरोप लगाया कि सरकार अपने गड़बड़ाए बजट की भरपाई आम लोगों के ऊपर बोझ डालकर वसूलना चाहती है। सरकार अपने फैसले को वापस ले और पेट्रोल-डीजल के दाम में कमी लाए। कहा कि लॉकडाउन से पहले ही आम लोगों के जीवन में संकट उत्‍पन्‍न हो गया है वहीं ऐसे विपदा की घड़ी में पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी करना उचित नहीं है। सरकार को ऐसे समय में आमजन का सहयोग करना चाहिए न कि उन पर और बोझ डालना चाहिए। कोरोना संकटकाल में प्रेटोलियम प्रदार्थों में लगातार मूल्यवृद्धि से युवा समाजसेवी वीरेंद्र नौटियाल बेहद आक्रोशित नजर आये।उन्होंने कहा कि यह सरकार जन विरोधी है। ऐसी सरकार का क्‍या फायद जो जनता की समस्‍याओं को कम करने की बजाय उसे और बढ़ाए। कहा कि, पेट्रोल-डीजल के दाम जल्‍द वापस लिए जाएं जिससे जनता को तत्‍काल राहत मिल सके।

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