सोशल मीडिया में छाई ईशा कलूड़ा की अष्टांग योग रंगोली

सोशल मीडिया में छाई ईशा कलूड़ा की अष्टांग योग रंगोली

ऋषिकेश – उत्तराखंड की बेटियां हर क्षेत्र में अपना दबदबा कायम कर रही हैं। कला के क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्र की ईशा कलुआ का नाम भी उभर कर सामने आया है।
खदरी निवासी ईशा कलूड़ा चौहान ने अष्टांग योग को रंगोली के माध्यम से दर्शाया है ।

प्राकृतिक रंगों से से बनी रंगोली बहुत पसंद की जा रही है। योग देश की प्राचीनतम विधा है।दुनियाभर में योग को अपनाया जा चुका है।लेकिन योग को लेकर तरह तरह के प्रयोग जारी हैं।यह प्रयोग योगासनों को लेकर ही नही अन्य जरियों से भी किए जा रहे हैं।ग्रामीण क्षेत्र खदरी निवासी अपनी रंगोली कला के जरिए लोगों को योग के महत्व का संदेश दे रही है।उसने योग के महत्व को लेकर एक बेहतरीन रंगोली प्रस्तूत की है।ईशा की यह रचना रंगोली के रूप में समाज में योग के प्रति जागरूकता के साथ-साथ पर्यावरण प्रेम का भी संदेश दे रही है। ईशा ने बताया योग हमें जीवन में स्वस्थ संयमित नियम एवं आचार विचार शुद्ध रखने का संदेश देता है। योग के साथ प्रकृति के प्रति उदारता रखने का संदेश देने वाली होनहार कलाकार ईशा के अनुसार इस
रंगोली से उन्होंने प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करते हुए प्रकृति विरोधी रंगों के प्रयोग से सभी को सुरक्षित रहने व रखने का संदेश दिया है । सोशल मीडिया में पोस्ट होने के बाद ईशा की इस खूबसूरत रंगोली बहुत पसंद की जा रही है।ईशा के अनुसार रंगोली के यह रंग आटे ,हल्दी ,चावल , फूलों आदि से बनाए गये हैं ।
जो कि पूर्ण रूप से प्राकृतिक है ।उत्तराखण्ड प्रान्त पर्यावरण प्रमुख पर्यावरणविद विनोद जुगलान विप्र ने ईशा को पर्यावरण के प्रति कार्य करते रहने को प्रोत्साहित किया है ।उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण-संवर्धन के लिए बढ़ चढ़कर आगे आना चाहिए।क्योंकि प्रकृति संरक्षित रहेगी तो हमारी आने वाली पीढियां भी सुरक्षित होंगी।

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