साहित्य की सशक्त हस्ताक्षर है -डॉ कविता भट्ट

साहित्य की सशक्त हस्ताक्षर है -डॉ कविता भट्ट
ऋषिकेश- उत्तराखंड की बेटियां विश्व पटल पर देवभूमि को गौरवान्वित करतीी रही हैं। डा कविता भट्ट का नाम भी उन बेटियों में शामिल है जिन्होंने अपने बेशुमार टेलेंट के जरिए बेहद कम उम्र में ही मील का पत्थर स्थापित करने में सफलता अर्जित की है।
जिस कुल में वे महापुरुष अवतरित होते हैं वह कुल पवित्र हो जाता है, जिस माता के गर्भ से उनका जन्म होता है वह भाग्यवती जननी कृतार्थ हो जाती है और जहां उनकी चरणरज पड़ती है वह वसुन्धरा भी पुण्यवती हो जाती है।उक्त सूक्ति चरितार्थ होती है उत्तराखण्ड देवभूमि मे साहित्य की सशक्त हस्ताक्षर ,कलम की सजग प्रहरी उत्तराखण्ड की बेटी जो अपने साहित्यक नाम “शैलपुत्री” उपाधि से विभूषित -, जतो नाम ततो गुण की भावना से देवभूमि की शेक्षणिक ,संस्कृतिक एवं साहित्यक सेवा कर रही है।उत्तरापथ का साहित्यक इतिहास पर हम दृष्टिपात करें तो हम पाते है कि जितने भी साहित्यकार इस भूमि पर जन्मे है उन मे आपका कृतित्व व्यक्तित्व सदैव अवर्णनीय एवं अतुलनीय है ।
डॉ कविता भट्ट एक हिमालयी बेटी के रूप में, देवभूमि उत्तराखंड में साहित्य की एक सशक्त हस्ताक्षर हैं, जो अपनी विलक्षण प्रतिभा के मंथन से साहित्य के पवित्र संस्कार के आलोक को बनाए रखने के लिए एक समर्पित होकर अथक प्रयास कर रही है। एक सामान्य परिवार में जन्मी बेटी ने अखंड ज्योति की प्रतिभा के साथ भारत के विभिन्न प्रांतों के मंचों को रोशन किया है। अपने ज्ञान की अन्वेषणशाला से अनेको शिष्यों को आलोक पुंज बनाकर सेवा के तीर्थों के लिए तैयार किया है , जो आज अनेक क्षेत्रों मे अपनी सेवाएं दे रहे है अनेक विषयों मे अपने कौशल से परिपूर्ण डॉ कविता भट्ट योग विज्ञान की विशेषज्ञ हैं जिस पर अनेक ग्रन्थों , शोध पत्रों,पुस्तकों को लिखने के साथ पत्र पत्रिकाओं की सम्पादक हैं देश विदेशों मे भी साहित्य , संस्कृति एवं योग विज्ञान की त्रिवेणी के संगम की पावन वसु धारा को बांटने का कार्य कर रही हैं ।वर्तमान समय मे सम्प्रति हेमवंती नन्दन गढ़वाल केंद्रीय विश्व विद्यालय श्रीनगर गढ़वाल मे प्रोफेसर पद पर रहते हुए अनेकों साहित्यक ,सांस्कृतिक ,शेक्षणिक पुरस्कारों से सम्मानित डॉ कविता भट्ट देश विदेश की कई महत्वपूर्ण संस्थाओं की सम्मानित पदाधिकारी ,सदस्य एवं समन्वयक है राष्ट्रीय संस्था उंन्मेष् जो विज्ञान के क्षेत्र मे नये आयामों का सृजन करती है उसकी वरिष्ठ पदाधिकारी हैं ।
साहित्य सृजन के क्षेत्र मे डॉ भट्ट को साहित्य शिरोमणि कहा जाय तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी ।निलाम्बरा कव्यकोश के साथ अनेक चेनलों के माध्यम से भी साहित्य मंचों पर प्रस्तुति देती हैं , अनेक भाषाओं की ज्ञाता होने के साथ अपनी मातृ भाषा गढ़वाली बोली को “अपणि संस्कृति अपणि पछयाण “के प्रति समर्पित होकर एक अतुलनीय पहचान रखती हैं ।कई कालजयी रचनाओं की सृजक अपने आभा मण्डल पर मुस्कान ,सम्मान व स्वाभिमान की सुंदरता रखने वाली बेटी इस देवधरा की अमूल्य धरोहर के साथ आन ,बान व शान के रूप मे है । वर्तमान समय मे जहाँ सारा विश्व वैश्विक महामारी के संकट मे अपने राष्ट्र के नागरिकों को बचाने के लिए अथक प्रयास कर रहा है वहीं डॉ कविता भट्ट शैलपुत्री अपने लेख, कविताओं व ओन लाइन सेमिनारों के माध्यम से जन चेतना के कार्यक्रम प्रचारित – प्रसारित कर रही है। जहां बेटी पढाओ बेटी बचाओ के संदेश की बात सम्पूर्ण राष्ट्र मे की जा रही है,वहीं उत्तराखंड की बेटियां हर सेवा क्षेत्र में अपना गोरवशाली स्थान बना रही हैं, जिस पर सबको गर्व है।