सिंचाई गूल के निर्माण से ग्रामीणों की समस्या का होगा निस्तारण

सिंचाई गूल के निर्माण से ग्रामीणों की समस्या का होगा निस्तारण

ऋषिकेश-विकास खण्ड डोईवाला अन्तर्गत ग्राम सभा खदरी खड़क माफ में सैकड़ों बीघा भूमि को सिंचित करने वाली सिंचाई गूल का निर्माण महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा है।

कार्यदायी संस्था ग्राम पंचायत खदरी खड़क माफ की ग्राम प्रधान संगीता थपलियाल के देखरेख में चल रहे इस कार्य में ग्रामीण महिलाएं भी प्रमुख रूप से भागीदारी निभा रही हैं।क्षेत्र पंचायत सदस्य श्रीकान्त रतूड़ी ने बताया कि मनरेगा कर्मियों की बढ़ती संख्या और शारिरिक दूरी को ध्यान में रखते हुए दो पारियों में कार्य करने पर विचार किया जा रहा है।गूल निर्माण कार्य की अनुमानित लागत लगभग दस लाख रुपये आँकी गयी है।इसमें 485 मीटर लम्बी गूल के निर्माण में 2711 मानव दिवस लगने की उम्मीद है।खेतों में सिंचाई हेतु पानी पहुँचने में एक सप्ताह से अधिक का समय लग सकता है।दूसरी ओर धान की बढ़ती पौध में आवारा पशुओं की आमद से परेशान किसानों का धैर्य टूट रहा है हल्की सी बारिश के पानी से ही कुछ ग्रामीण खेतों को भिगोकर रोपाई की शुरुआत करने लगे हैं।स्थानीय कृषक राय सिंह का कहना है कि यदि समय रहते सिंचाई व्यवस्था नहीं बन पाई तो धान की पौध खराब हो जाएगी।पर्यावरण मामलों के जानकार एवं जैव विविधता समिति खदरी के अध्यक्ष विनोद जुगलान विप्र का कहना है कि जब तक पर्याप्त मात्रा में सिँचाई हेतु पानी नहीं जाता है,किसी भी कृषक द्वारा रोपाई करना जल्दबाजी होगी।ऐसे में यदि ऐसे जल्दबाजी में की गई रोपाई के बाद बारिश नहीं होती है और जैसे कि गूल के पानी आने में सम्भावित आठ से दस दिन का समय लगने की उम्मीद जताई जा रही है तो रोपित धान की फसल सूख सकती है।उन्होंने कहा खादर के किसानों को गूल के निर्माण तक धैर्य रखने की आवश्यकता है।गौरतलब है कि रोपाई के बाद धान की फसल को अत्यधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है।

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