साईकिल चलाएं,इम्युनिटी बढ़ाएं पर्यावरण बचाएं-जुगलान

साईकिल चलाएं,इम्युनिटी बढ़ाएं पर्यावरण बचाएं-जुगलान
ऋषिकेश-विश्व में सर्वाधिक साईकिल बनाने वाला देश है भारत।लेकिन जनसंख्या का घनत्व बढ़ने के साथ ही भारत में साईकिल चलाने वालों की सँख्या में जिस दर से इजाफा होने की उम्मीद थी उसकी अपेक्षा भारत से अधिक साईकिल की माँग विदेशों में बढ़ी है।
इससे साईकिल का निर्यात बढ़ा लेकिन युवाओं में मोटरसाइकिल के प्रति बढ़ती रुचि से प्रदूषण का बढ़ना स्वाभाविक था।इसके साथ साथ वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण देश व्यापी लॉक डाउन ने एक बार फिर से सभी को साईकिल युग की याद दिला दी।चाहे लॉक डाउन अवधि में बन्द हुए जिम जाने वाले लोगों को अपनी बॉडी फिटनेश के लिए साइकिलिंग करने की बात हो या यातायात बन्द होने के कारण प्रवासी मजदूरों को अपने गृह राज्य जाने के लिए साईकिल के प्रयोग करने की बात हो लॉक डाउन अवधि में कुछ मजदूरों ने अपना मोबाइल और घरेलू सामान बेचकर भी साईकिल खरीदी ताकि वे अपने गंतव्य तक साईकिल चलाकर जा सकें,और बहुत से लोग इस योजना में सफल भी रहे।शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रान्त पर्यावरण प्रमुख पर्यावरण सचेतक विनोद जुगलान विप्र कहते हैं कि साईकिल चलाना न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करना है बल्कि इससे शरीर में रक्त संचार उत्सर्जन होता है बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता भी बढ़ती है।इसलिए हमें साईकिल को अपनी जीवन शैली में ढालने की नितान्त आवश्यकता है।ऑटोमोबाइल उद्योग में उच्च प्रबन्धन में अपनी सहभागिता निभा चुके विनोद जुगलान ने जीवन के शुरुआती दौर में वर्ष 1992 से लेकर 1998 तक विश्व की नम्बर वन साईकिल निर्माता कंपनी हीरो साईकिल की सहयोगी कम्पनी रॉकमैन इंडस्ट्रीज में अपनी सेवाएं प्रदान करने के साथ ही साईकिल को जीवन का हिस्सा बना लिया।उन्होंने स्कूल जाने वाले बच्चे आज भी नितनियम से उनके साथ साईकिल चलाते हैं।उनका कहना है कि औसतन 70 किलोग्राम वजन वाले व्यक्ति आधा घण्टा साइकिलिंग कर के लगभग तीन सौ कैलोरी बर्न कर सकते हैं।साईकिल चलायें, प्रदूषण घटाएं, इम्युनिटी बढ़ाएं और पर्यावरण बचाएँ।ऋषिकेश में टाटा मोटर्स के अधिकृत सर्विस सेंटर व्यवसायायी एवं साइकिलिंग करने वाले मोहित जौहर बताते हैं कि फिटनेश के लिए साइकिलिंग से बढ़िया विकल्प और कोई नहीं हो सकता है उन्होंने लॉक डाउन अवधि में प्रतिदिन सुबह साईकिल चलाकर साढ़े आठ किलो ग्राम वजन कम किया है।वे मानते हैं कि इसके लिए साईकिल चलाते हुए सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग करना जरूरी है।