आवारा घोड़ों ने बढ़ाई किसानों की चिन्ता

आवारा घोड़ों ने बढ़ाई किसानों की चिन्ता
ऋषिकेश-श्यामपुर न्याय पँचायत अंतर्गत ग्राम सभा खदरी खड़क माफ के किसानों की परेशानियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।राजा जी नेशनल पार्क की सीमा के समीपवर्ती क्षेत्र खादर (खदरी) के किसानों को जहाँ फसल के बढ़ने के साथ ही वन्यजीवों से दो-चार होना पड़ता है वहीं दूसरी धान की फसल के लिए बोई गई पौध उगने से पहले ही चारे के लालच में खेतों में प्रवेश कर रहे आवारा घोड़े हाल ही में बोई गई पौध को जमने से पहले ही रौंद रहे हैं।दो दर्जन से अधिक ये आवारा घोड़े वन गुजरों के बताए जा रहे हैं।जो कि दिन-रात खादर के खेतों में इधर-उधरदौड़ रहे हैं।हैरानी की बात है कि श्यामपुर गुमानी वाला से लेकर खदरी तक आवारा भटक रहे ये आवारा घोड़े न सिर्फ किसानों की फसलों को रौंद रहे हैं बल्कि स्थानीय जनता के लिए भी परेशानी का शबब बने हुए हैं।दो साल से इधर उधर भटकते इन घोड़ों पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन से पहले भी माँग की जा चुकी है लेकिन आजतक कोई हल नहीं निकला है।गौरतलब है कि बीते वर्ष भी श्यामपुर के स्थानीयों ने आवारा घोड़ों से हो रहे फसल नुकसान और सड़क दुर्घटनाओं से पुलिस प्रशासन को अवगत कराते हुए प्रशासन से फसल सुरक्षा की गुहार लगाई थी लेकिन स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है।जिला गंगा सुरक्षा समिति के सदस्य पर्यावरणविद विनोद जुगलान विप्र ने कहा कि गुमानी वाला स्थित खाली पड़ी कांजी हाउस की तीन बीघा भूमि पर कांजी हाउस का पुनर्निर्माण कर आवारा पशुओं की जनसंख्या नियन्त्रण के उपाय किये जायें तो आने वाले समय में समस्या का हल निकाला जा सकता है।