लॉकडाउन में घरेलू हिंसा का शिकार हो रही हैं महिलाएं

लॉकडाउन में घरेलू हिंसा का शिकार हो रही हैं महिलाएं

ऋषिकेश-आखिरकार जिसका डर था वही हुआ।
लॉकडाउन में घरेलू हिंसा के मामलों में अप्रत्याशित रुप से वृद्धि की जानकारी सामने आयी हैं।शराब विरोधी अभियान के साथ महिलाओं के उत्थान के लिए लगातार संघर्षरत रही मैत्री संस्था की अध्यक्ष कुसुम जोशी के अनुसार पिछले कुछ अर्से से उनके पास समूचे उत्तराखंड से घरेलू हिंसा की जानकारी मिली है जिसके लिए उनके द्वारा पीड़ित महिलाओं को आवश्यक परामर्श भी दिया गया है।समाजसेविका श्रीमती जोशी के अनुसार देश में जहां लॉकडाउन की स्थिति में लोग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं वहीं घरों के अंदर घरेलू हिंसा के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है।उत्तराखंड भी घरेलू हिंसा का शिकार होता दिख रहा है।उन्होंने बताया कि लॉकडाउन यूं तो सबकी परेशानी को बढ़ाए हुए है, लेकिन महिलाओं की परेशानी और बढ़ गई है जो अपने ही घरों में घरेलू हिंसा की शिकार हो रही हैं।यह स्थिति तब है, जब लॉकडाउन के दौरान ना तो महिलाएं थाने तक अपनी शिकायत करने के लिए पहुंच पा रही हैं ।उनका मानना है कि इस वक्त पुलिस को पूरे देश के लिए ऐसी हॉटलाइन बनानी चाहिए, जिसमें व्हाट्सएप और मैसेंजर की भी सुविधा हो, ताकि महिलाएं सीधे पुलिस को अपनी समस्याएं बता सकें।गौरतलब है कि पिछले दो माह से लाँक डाउन में लोग काफी हद तक मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं।ज्यादातर पुरुषों को चिंता है कि उनकी अपनी नौकरियां छूट सकती है।
व्यापारी अपने व्यापार को लेकर टेंशन में हैं।
इसलिए मानसिक तनाव महिलाओं पर घरेलू हिंसा के रूप में नजर आ रहा है।

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