लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है सिद्वपीठ “ताड़केश्वर धाम”

लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है सिद्वपीठ “ताड़केश्वर धाम”
ऋषिकेश-उत्तराखंड में देवताओं का वास है।ताड़केश्वर महादेव भी उन सिद्वपीठ स्थलों में शामिल है जहां भक्तों की हर मनोवांछित मनोकामना पूर्ण होती है।
श्री ताड़केश्वर धाम की वार्षिक पूजा इस वर्ष कोरोना संकट की वजह से बेहद सादगीपूर्ण माहौल में आज सम्पन्न हुई।उल्लेखनीय है कि ताड़केश्वर का पौराणिक इतिहास रहा है। 84 गाँव के भूमियाल देवता है। इस सिद्वपीठ धाम की पूजा वर्ष में दो बार होती है जिसे (देवपूजी) के नाम से जाना जाता है। जेठ मास की बड़ी पूजा होती है ।जिसमें प्रतिवर्ष दूर-दूर से लोग सपरिवार भगवान ताड़केश्वर के दर्शन करने और मनोकामना पूर्ण होने पर छत्र और घंटा चढ़ाने आते हैं। इस दौरान कई लोग भंडारा भी करते हैं। क्षेत्र के सभी 84 ग्राम सभाओं के लोग नया अनाज (अग्याल्)लेकर गेहूं के आटे का हलवा भोले बनाकर प्रसाद के रूप में पहले भगवान ताड़केश्वर को भोग चढ़ाते हैं ।और उसके बाद ही सभी 84 ग्राम सभाओं के लोग नये अनाज का सेवन करते हैं।इसी प्रकार असूज मास में भगवान ताड़केश्वर की द्वितीय वार्षिक पूजा होती है जिसमें नया अनाज (अग्याल )चावल की खीर सर्वप्रथम भगवान को चढ़ाई जाती है।और फिर भंडारे के रूप में सभी ग्रामवासी अपने अपने ग्रामों का भंडारा करके प्रसाद के रूप में नया को ग्रहण करते हैं। इस वर्ष लॉक डाउन के चलते प्रत्येक ग्राम सभा से केवल एक व्यक्ति को ही नए अनाज(अग्याल्) लेकर आने को कहा गया था जिस कारण अन्य भक्त श्री ताड़केश्वर महादेव के दर्शन नहीं कर पाएं। इस बात को मध्य नजर रखते हुए ताड़केश्वर क्षेत्र के ग्राम -घोटला रिखणीखाल ब्लॉक निवासी सत्येंद्र सिंह चौहान “सोशल” ने श्री ताड़केश्वर महादेव की सचित्र वंदना तेरी जय जय कार का वीडियो अपनी बेटियों के सहयोग से बनाया है ।उनका कहना है कि जो भी भक्त लॉक डाउन में भगवान ताड़केश्वर के दर्शन करने नहीं जा सकेंगे वे श्री ताड़केश्वर महादेव के दर्शन वंदना से अपने इष्ट देव के दर्शनों सुख प्राप्त कर सकते हैं।