बड़ अमावस्या पर सुहागिनों ने अखण्ड सुहाग के लिए रखा व्रत

बड़ अमावस्या पर सुहागिनों ने अखण्ड सुहाग के लिए रखा व्रत
ऋषिकेश- तीर्थ नगरी ऋषिकेश में बड़ अमावस्या पर अखंड सुहाग के लिए महिलाओं ने रखा व्रत।
हालंकि विगत वर्षों जैसी चहल पहल आज पर्व पर नजर नही आयी।अधिकांश सुहागिनों ने घर पर रहकर की पूजा अर्चना के साथ उपवास रख पर्व पर पौराणिक मान्यताओं की इतिश्री की।कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते गंगा तट त्रिवेणी घाट पर श्रद्वालुओं के लिए प्रशासन द्वारा गंगा दर्शन के लिए लगाई रोक और मंदिरों में लगे तालों की वजह से घरों पर ही बड़ अमावस्या पर्व की पूजा महिलाओं ने सम्पन्न की।उल्लेखनीय है कि वट सावित्री के दिन सभी सुहागन महिलाएं पूरे 16 श्रृंगार कर बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। ऐसा पति की लंबी आयु की कामना के लिए किया जाता है।पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन ही सावित्री ने अपने दृढ़ संकल्प और श्रद्धा से यमराज द्वारा अपने मृत पति सत्यवान के प्राण वापस पाए थे। इसके अलावा माना जाता है कि इस दिन शनिदेव का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन वट और पीपल की पूजा कर शनिदेव को प्रसन्न किया जाता है।